उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने एक फर्जी पुलिस स्टेशन का भंडाफोड़ किया है जो कि ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो’ के नाम पर चलाया जा रहा था. ठग इस फर्जी पुलिस स्टेशन नोएडा के सेक्टर 70 में संचालित कर रहे थे. ये लोग इंटरपोल से संबंध बताकर लोगों को डराते थे और डोनेशन के नाम पर उनसे पैसों को वसूली करते थे. पुलिस ने इस कार्रवाई में 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की है. पुलिस ने इनमें एक पिता-पुत्र को भी गिरफ्तार किया है जो कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड हैं.
इस फर्जीवाड़े के आरोपी का नाम बिभास अधिकारी है. पुलिस ने बिभास और उसके बेटे समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ पुलिस की वर्दी का गलत इस्तेमाल करने लोगों को बरगलाने और पैसों की ठगी जैसे गंभीर आरोपों के मामले में केस दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है. मास्टरमाइंड बिभास अधिकारी की बात करें तो यह पहली बार नहीं है जब वह इस तरह के फर्जीवाड़े में पकड़ा जा चुका है. इससे पहले भी बिभाष कई अलग-अलग तरह के मामलों में पकड़ा जा चुका है.
कोलकाता में लोगों ने क्या कहा?
बिभास अधिकारी के बारे में कोलकाता के लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. बिभास अधिकारी वहां पर बड़ा अधिकारी बनकर रहता था और उसने खुद को इंटरपोल का अधिकारी बताया था. कोलकाता के बेलेघाटा इलाके में उसने एक मकान किराए से लिया था. वहां पर आए दिन नीली और लाल बत्ती वाली गाड़ियां आती थीं और उनमें कुछ पुलिसकर्मी की तरह वर्दीधारी लोग भी बैठे दिखते थे. उन सभी के पास हथियार होते थे. बेलेघाट में रहने वालों ने कहा है कि जब बिभास ने मोहल्ले में किराए पर कमरा लिया था और वहां कथित ऑफिस खोला था उसके बाद से इलाके का माहौल ही बिगड़ गया था. इससे पहले मोहल्ले वाले बड़ी ही शांति से रहते थे.
पहले भी लग चुके गंभीर आरोप
बिभास अधिकारी का नाम सबसे पहले प्राथमिक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सामने आया था. आरोपी बिभास बीरभूम के नलहाटी ब्लॉक नंबर 2 से पूर्व तृणमूल अध्यक्ष भी रह चुका है. भर्ती घोटाले मेमं नाम आने के बाद जब जांच हुई थी तो बिभास को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इसके बाद बिभास ने तृणमूल छोड़ दी और अलग पार्टी बना ली थी. बिभास अब नोएडा में लोगों के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस बार भी बिभास ने धोखाधड़ी के लिए इंटरनेशनल जांच एजेंसी के नाम पर पुलिस स्टेशन खोला और लोगों से पैसे वसूले. फिलहाल पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है.