भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फ्लिपकार्ट को नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) का लाइसेंस दे दिया है, जिससे अब Flipkart अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सीधे लोन दे सकेगा, NBFC का लाइसेंस मिलना फ्लिपकार्ट के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, इससे ग्राहकों को कंपनी के प्रति भरोसा बढ़ेगा.
फ्लिपकार्ट के लिए बड़ी उपलब्धि
फ्लिपकार्ट कंपनी पहले से ही अपने प्लेटफॉर्म पर थर्ड-पार्टी वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ‘बाय नाउ, पे लेटर’ (BNPL) और EMI जैसी सुविधाएं देती हैं. अब, एनबीएफसी लाइसेंस के साथ, कंपनी बिना किसी बाहरी वित्तीय संस्थान पर निर्भर हुए स्वतंत्र रूप से लोन देने की सुविधा शुरू कर सकती है. यह कदम फ्लिपकार्ट को अमेजन जैसे प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ और मजबूत करेगा, जो पहले से ही भारत में वित्तीय सेवाओं में कदम रख चुके हैं.
छोटे कारोबारियों को होगा लाभ
इस लाइसेंस के जरिए फ्लिपकार्ट अपने ग्राहकों को सस्ते और आसान तरीके लोन उपलब्ध कराएगा, जिससे खरीदारी का अनुभव और बेहतर होगा. साथ ही, फ्लिपकार्ट पर मौजूद लाखों छोटे और मध्यम विक्रेताओं के कारोबार को बल मिलेगा, उन्हें अपने कारोबार के विस्तार के लिए लोन मिल सकेगा. यह कदम विशेष रूप से ग्रामीण और कस्बों में छोटे व्यवसायों के लिए फायदेमंद हो सकता है.
दरअसल, फ्लिपकार्ट का यह कदम भारत में ई-कॉमर्स और वित्तीय सेवाओं के बीच बढ़ते तालमेल को दर्शाता है. हाल के वर्षों में कई ई-कॉमर्स कंपनियों ने वित्तीय सेवाओं में कदम रखा है, ताकि वे अपने ग्राहकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करा सके. यही नहीं, फ्लिपकार्ट का यह लाइसेंस उसे डिजिटल लेंडिंग सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकता है.
डिजिटल लोन भी देगी कंपनी
फ्लिपकार्ट ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह अपने लेंडिंग व्यवसाय को कैसे लागू करेगा, लेकिन माना जा रहा है कि कंपनी डिजिटल लोन, पर्सनल लोन और विक्रेताओं के लिए विशेष वित्तीय प्रोडक्ट्स पर ध्यान केंद्रित करेगी. इसके अलावा, फ्लिपकार्ट अपने डेटा और तकनीकी क्षमताओं का उपयोग करके जोखिम मूल्यांकन और ऋण वितरण को और अधिक कुशल बना सकता है.
यह कदम फ्लिपकार्ट को भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल लेंडिंग मार्केट में एक महत्वपूर्ण स्थान दिला सकता है, जो कि सरकार के डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन के अनुरूप भी है.