हाल ही में बांग्लादेश में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद देश में भारत विरोधी प्रोपेगेंडा जोर पकड़ रहा है. कई संगठनों ने आरोप लगाया है. उनका कहना है कि भारत ने त्रिपुरा के ताम्बूर जलविद्युत परियोजना के बांध को खोल दिया जो कि बांग्लादेश में अप्रत्याशित बाढ़ का कारण बना, जिससे कई जिलों में भारी तबाही हुई है.
आरोप है कि त्रिपुरा में स्थित ताम्बूर बांध को अचानक खोल दिया गया, जिससे बांग्लादेश की कई निचली बस्तियां जलमग्न हो गईं. इन आरोपों के मुताबिक, भारत ने बिना किसी पूर्व सूचना के बांध के गेट खोल दिए, जिससे बांग्लादेश के बड़े हिस्से में पानी भर गया. इस घटना को लेकर बांग्लादेश में गहरी नाराज़गी देखी जा रही है, और सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है.
#DhakaUniversity students held a protest demanding a fair share of water from the international rivers shared with India and protesting against the deliberate opening of the Dumur and Gajaldoba dams, causing sudden floods. Students chanted slogans such as "#Dhaka, not #Delhi",… pic.twitter.com/nfiH68dZO7
— Basherkella – বাঁশেরকেল্লা (@basherkella) August 21, 2024
सोशल मीडिया और स्थानीय संगठनों द्वारा फैलाए जा रहे संदेशों में दावा किया जा रहा है कि भारत ने यह कदम बांग्लादेश में हाल ही में सत्ता परिवर्तन के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में उठाया है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन के बाद भारत ने इस बाढ़ को जानबूझकर पैदा किया है ताकि नई सरकार पर दबाव डाला जा सके.
#DhakaUniversity students just rallied against #India's unfair water sharing and the sudden floods caused by opening the #Dumur and #Gajaldoba dams. #Bangladesh #India #IndiaOut #ShameOnIndia #BoycottIndia #BangladeshFlood pic.twitter.com/gpXwZ9S9Ab
— Basherkella – বাঁশেরকেল্লা (@basherkella) August 21, 2024
जमात-ए-इस्लामी और छात्र शिविर जैसे संगठनों ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया है. इन संगठनों ने जनता के बीच यह संदेश फैलाया है कि भारत बांग्लादेश के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपना रहा है और यह बाढ़ उसी की साजिश का हिस्सा है. सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे इन संदेशों ने जनता के बीच गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है.
भारत की ओर से इन आरोपों पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी बाढ़ें सामान्य तौर पर प्राकृतिक कारणों से होती हैं और इसे जानबूझकर किए गए कार्य के रूप में देखना सही नहीं है. त्रिपुरा के ताम्बूर बांध का पानी छोड़ना एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है, जो मानसूनी बारिश के दौरान जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया गया हो. बांग्लादेश में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है.