किन्नौर में बादल फटने से बाढ़ के हालात, बंद हुआ NH-5; किन्नर कैलाश यात्रा स्थगित

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. जिले के कई नालों में बाढ़ की स्थिति बन गई है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. कामरु, रिब्बा और तांगलिंग नाले में आई तेज बाढ़ के चलते भूस्खलन और भूमि कटाव की घटनाएं सामने आई हैं. इसी को देखते हुए कैलाश यात्रा स्थगित कर दी गई है. साथ ही रिब्बा नाले में आई बाढ़ के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह बाढ़ किन्नर कैलाश पर्वत श्रृंखला में बादल फटने के कारण आई है. नाले के आसपास के सेब के बगीचों और जमीन को नुकसान पहुंचा है. प्रशासन ने गाड़ियों को नाले से दूर कर दिया है और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. रिब्बा गांव के ग्रामीण नाले से दूर हो गए हैं. बाढ़ से लोगों में डर का माहौल है. कामरु गांव के पास दोपहर करीब 12 बजे नाले में अचानक आई बाढ़ से आसपास का इलाका बुरी तरह प्रभावित हुआहै.

कैलाश यात्रा रुकी

हालांकि, इस दौरान किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. प्रशासन और पंचायत स्तर की टीमें स्थिति सामान्य होने के बाद नुकसान का जायजा लेंगी. तांगलिंग खड्ड में आई बाढ़ के चलते प्रसिद्ध किन्नर कैलाश यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. बाढ़ में खड्ड के ऊपर बने दो लकड़ी के पुल बह गए हैं, जिससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है. प्रशासन ने गणेश पार्क और तांगलिंग में रुके यात्रियों को वहीं रोक दिया है और आगे यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है.

प्रशासन ने लोगों से की सर्तक रहने की अपील

आसपास के क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति गुपचुप तरीके से यात्रा न कर सके. जिले के सांगला, कल्पा और निचार क्षेत्रों में भी लगातार भारी बारिश जारी है. पहाड़ियों से पत्थर गिरने और सड़कों के खतरनाक हालात को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और लोगों से अपील की है कि वे बिना जरूरत यात्रा न करें. साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में पर्यटन और एडवेंचर एक्टिविटी पर भी अस्थायी रोक लगाई गई है.

बाढ़ से NH-5 बंद

रिब्बा नाले में बाढ़ आने से एनएच 5 पूरी तरह से बंद हो गया है, जिसके जल्द खुलने की उम्मीद नहीं जताई जा रही है. उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद से ही हिमाचल में भी लोग काफी डरे हुए हैं. प्रशासन की लगातार बाढ़ वाले क्षेत्रों में लगातार निगरानी बनाए हुए हैं, ताकि दुर्घटना की स्थिति में समय रहते लोगों को बचाया जा सके.

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