सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें नागपुर में निर्माणाधीन फ्लाईओवर एक रिहायशी इमारत की बालकनी को काटता हुआ दिखाई दे रहा है. इस फुटेज ने शहर की अर्बन प्लानिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर डिजाइन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह फ्लाईओवर अशोक नगर इलाके में बन रहे इंदोरा-डिघोरी कॉरिडोर का हिस्सा है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) बना रहा है.
एनएचएआई ने बालकनी को बताया अतिक्रमण
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एनएचएआई के एक अधिकारी ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि संबंधित बालकनी अतिक्रमण वाले हिस्से में आती है. अधिकारी ने कहा, ‘हमारा फ्लाईओवर बालकनी के बाहरी हिस्से के अंदर नहीं है. यह बालकनी अतिक्रमण का हिस्सा है और इसे हटाने के लिए हमने नागपुर नगर निगम (NMC) को पहले ही पत्र लिखा है.’ उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमण जल्द ही हटाया जाएगा.
घर के मालिक ने कहा- किसी को कोई खतरा नहीं
हालांकि, घर के मालिक ने इस दावे को खारिज कर दिया. उनका कहना है कि फ्लाईओवर का रोटरी बीम बालकनी के हिस्से से होकर गुजरता जरूर है, लेकिन यह इमारत को छूता नहीं है. मालिक ने कहा, ‘यह बालकनी का वो हिस्सा है, जिसका कोई उपयोग नहीं होता, इसे ‘नो मैन लैंड’ कहा जा सकता है. फ्लाईओवर 14-15 फीट ऊपर है, इसलिए किसी तरह का खतरा नहीं है.’
इस घटना के वीडियो, जो ऑनलाइन तेजी से वायरल रहे हैं, दिखाते हैं कि फ्लाईओवर का बीम इमारत के बेहद करीब है. इसी वजह से निर्माण मानकों और रिहायशी इलाकों की सुरक्षा को लेकर चिंता और बढ़ गई है.
लीज पर दी गई थी बिल्डिंग
नगर निगम (NMC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि यह इमारत पहले मकान मालिक को लीज पर दी गई थी. फिलहाल लीज की शर्तों की समीक्षा की जा रही है. अधिकारी ने कहा, ‘जैसे ही लीज की स्थिति स्पष्ट होगी, नियमानुसार कार्रवाई करते हुए परिसर खाली कराया जाएगा.’ इस घटना ने घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के एलाइनमेंट और साफ-सुथरी भूमि उपयोग नीति तथा प्लानिंग निगरानी की सख्त जरूरत पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है.