‘काशी-मथुरा की पूर्ण मुक्ति पर फोकस बाकी…’, VHP की सालाना बैठक में बड़ा फैसला

विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति और प्रन्यासी मंडल की तीन दिनों की सालाना बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला अयोध्या के बाद अब काशी और मथुरा की पूर्ण मुक्ति को लेकर है. परिषद ने फैसला किया है कि उसे फिलहाल काशी और मथुरा पर ही पूरी तरह फोकस करना है. संभल और अजमेर समेत बाकी विवादों पर वह बाद में विचार करेगा.

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इस बैठक में यह भी तय किया गया है कि सभी मस्जिदों के नीचे मंदिर नहीं खोजे जाने हैं, लेकिन जहां पहले मंदिर रहे हैं. वहां को लेकर कोशिश जरूर की जाएंगे. दूसरा अहम फैसला हिंदुओं के मठ मंदिरों को पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाने की मांग से जुड़ा हुआ है. परिषद ने इसे लेकर अगले तीन महीने के कार्यक्रमों का भी ऐलान किया है.

विश्व हिंदू परिषद के प्रन्यासी मंडल और केंद्रीय प्रबंध समिति की तीन दिवसीय सालाना बैठक प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित की गई थी. यह बैठक आज संपन्न हो गई है. परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार के मुताबिक आजादी के तकरीबन आठ दशक बीतने के बाद भी हिंदू मठ मंदिरों का सरकारी नियंत्रण से मुक्त नहीं होना बड़ी चिंता की बात है.

देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से होगी मुलाकात

विश्व हिंदू परिषद ने इसके खिलाफ अब अभियान चलाने का फैसला किया है. अगले तीन महीने के अभियान की रूपरेखा भी तय कर ली गई है. इसके तहत सबसे पहले देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर उनसे इस बारे में उचित कदम उठाए जाने की अपील की जाएगी. इसके बाद देश भर के सांसदों और विधायकों से संपर्क साधा जाएगा.

मोहन भागवत के बयान पर दी प्रतिक्रिया

आलोक कुमार के मुताबिक इन दोनों बैठकों में यह भी तय हुआ है कि परिषद फिलहाल काशी और मथुरा की पूर्ण मुक्ति को ही फोकस करेगा. बाकी जगहों के लिए इन दोनों की पूर्ण मुक्ति के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को मानते हुए परिषद भी यह मानता है कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर नहीं खोजा जाना चाहिए लेकिन जहां पहले मंदिर थे उन जगहों को लेकर अदालती लड़ाई जारी रहनी चाहिए.

VHP के हित चिंतक अभियान की रूपरेखा हुई तैयार

उन्होंने बताया कि इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद के हित चिंतक अभियान की रूपरेखा भी तय की गई. इस बार के अभियान में एक करोड़ हित चिंतक बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रवक्ता विनोद बंसल के मुताबिक बैठक में तमाम अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई और कई अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए. इनमें सामाजिक समरसता, परिवारों की एकजुटता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, गौ रक्षा समेत अन्य मुद्दे भी शामिल है.

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