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महाकुंभ यात्रा के लिए अपनाएं ये 6 सावधानियां, सफर रहेगा टेंशन फ्री..

प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज़ होने वाला है. 13 जनवरी को पहला स्नान किया जाएगा, जिसके फरवरी महीने तक इस बड़े धार्मिक मेले का आयोजन होगा. माना जा रहा है कि भारत समेत दुनियाभर के करीब 40 करोड़ लोग यहां आएंगे. महाकुंभ को लेकर सरकार ने भी अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं.

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महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए कई लोगों ने तैयारी कर ली है. अगर आप कुंभ में जाने का प्लान कर रहें तो वहां पहुंचकर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है. आइए आपको इन्हीं सावधानियों के बारे में बताते हैं, जिससे आपकी यात्रा सुरक्षित और ट्रेशन फ्री होगी.

स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां

महाकुंभ में जाने से पहले अपना हेल्थ चेकअप जरूर करवा लें. डॉक्टर की सलाह पर अपने साथ पेट दर्द, उलटी, खांसी और बुखार की दवाईयां जरूर रखें. ज्यादा भीड़ के कारण हेल्थ खराब होने का खतरा हो सकता है. इसके अलावा, साफ पानी का ही इस्तेमाल करें.

पैसे और कीमती सामान का ध्यान रखें

भीड़-भाड़ के बीच पैसे और अन्य कीमती सामान जैसे गहने, मोबाइल आदि चोरी हो सकते हैं. इसलिए उन चीज़ों को सुरक्षित स्थान पर रखें या उन्हें बिल्कुल कम लेकर चलें. हमेशा अपने जरूरी सामान को सुरक्षित रखने के लिए एंटी-थीफ्ट बैग का इस्तेमाल करें

सुरक्षा का ध्यान रखें

महाकुंभ में काफी भीड़ होती है और ऐसे में दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. यात्रा के दौरान अपने परिवार या समूह के दूसरे सदस्यों के साथ रहें. अगर आप अकेले यात्रा कर रहे हैं, तो किसी ग्रुप में शामिल हो सकते हैं. साथ ही, अपने मोबाइल फोन पर इमरजेंसी नंबर डायल करके रखें.

प्रशासन की सलाह मानें

महाकुंभ के आयोजन स्थल पर पुलिस, प्रशासन और स्वयंसेवक हमेशा मौजूद रहते हैं. किसी भी बुरी घटना से बचने के लिए प्रशासन की सलाह को मानें. यात्रा में सुगमता के लिए सरकार केदिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है.

खाने-पीने का रखें ख्याल

भीड़-भाड़ के बीच खाने-पीने की व्यवस्था हमेशा सुरक्षित नहीं रहती. इसलिए किसी भी तरह के खुली खाने की चीजों को न लें. अपने स्नैक्स घर से ही लेकर चलें. अगर कहीं बाहर से पानी खरीद रहे हों, तो बोटल की सील ठीक से देखें.

धार्मिक नियमों और रीति-रिवाजों का पालन करें

महाकुंभ एक धार्मिक अवसर है और वहा पर कुछ विशेष रीति-रिवाज होते हैं जिका सम्मान श्रद्धालुओं को करना चाहिए. स्नान करने के लिए निर्धारित स्थानों का ध्यान रखें और अपनी धार्मिक जिम्मेदारियां पूरी तरह से निभाएं.

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