गुजरात के मेहसाना जिले के वडनगर में उस वक्त हलचल मच गई, जब जमीन की खुदाई के दौरान एक ऐसा कंकाल मिला, जिसे देखकर विशेषज्ञ भी हैरान रह गए. बताया जा रहा है कि यह कंकाल करीब 1000 साल पुराना है और योग मुद्रा में बैठा हुआ मिला है. DNA जांच के बाद खुलासा हुआ कि यह कंकाल संभवतः किसी साधु-संन्यासी का है, जिसने जीते-जी समाधि ली होगी.
यह पहली बार है जब भारत में इस प्रकार की मुद्रा में किसी संत का कंकाल मिला है, जिससे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी जुड़ गया है. हालांकि कंकाल को अब तक उचित स्थान नहीं मिल पाया है. फिलहाल इसे वडनगर में एक साधारण टेंट में रखा गया है.
वडनगर में हाल ही में करोड़ों की लागत से एक अत्याधुनिक म्यूजियम बनकर तैयार हुआ है, मगर इस ऐतिहासिक कंकाल को उसमें जगह नहीं मिल पाई है. इस पूरे मामले पर गुजरात पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के नियामक डॉ. पंकज शर्मा ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह कंकाल बेहद संवेदनशील अवस्था में है और इसे तुरंत म्यूजियम में रखना तकनीकी रूप से संभव नहीं है.
डॉ. पंकज शर्मा ने कहा कि जमीन में हजारों साल तक सुरक्षित रहा यह कंकाल अब खुले वातावरण में रखने के लिए विशेष तकनीक की आवश्यकता है. अगर यह विशेषज्ञों की निगरानी में नहीं रखा गया, तो इसके नष्ट होने का खतरा बना रहेगा.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कंकाल की मिट्टी तक नहीं हटाई गई है, ताकि उसकी संरचना को नुकसान न पहुंचे. फिलहाल, इस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से चर्चा की जा रही है, और आगे की प्रक्रिया उसी के बाद तय की जाएगी. इस दुर्लभ खोज को लेकर स्थानीय लोगों में भी खासा उत्साह है, लेकिन सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब करोड़ों की लागत से म्यूजियम बनाया गया है, तो फिर इस ऐतिहासिक विरासत को उचित स्थान और संरक्षण क्यों नहीं मिल पा रहा.