SpaceX के पोलैरिस डॉन मिशन ने नया कीर्तिमान बनाया है. पहली बार पृथ्वी से 737 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में आम नागरिकों ने स्पेसवॉक किया है. अपोलो मिशन पूरा होने के 50 साल बाद ऐसा अनोखा काम हो रहा है. नए एडवांस प्रेशराइज्ड सूट में मिशन कमांडर जारेड आइसैकमैन ने पहले स्पेसवॉक की. यहां नीचे देखिए इसका ऐतिहासिक Video…
SpaceX and the Polaris Dawn crew have completed the first commercial spacewalk!
“SpaceX, back at home we all have a lot of work to do, but from here, Earth sure looks like a perfect world.” — Mission Commander @rookisaacman during Dragon egress and seeing our planet from ~738 km pic.twitter.com/lRczSv5i4k
— Polaris (@PolarisProgram) September 12, 2024
पोलैरिस डॉन मिशन में चार लोग अंतरिक्ष में ड्रैगन क्रू कैप्सूल (Dragon Crew Capsule) में गए हैं. इन यात्रियों के नाम हैं- कमांडर जारेड आइसैकमैन, पायलट स्कॉट ‘किड’ पोटीट, मिशन स्पेशलिस्ट साराह गिलिस औऱ अन्ना मेनन. आइसैकमैन आंत्रप्रन्योर रईस हैं. वो इस मिशन की फंडिंग भी कर रहे हैं.
पोटीट अमेरिकी वायुसेना के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. गिलिस और मेनन दोनों ही स्पेसएक्स के इंजीनियर्स हैं. आइसैकमैन और गिलिस ने पहली बार निजी स्पेसवॉक किया. इस समय ड्रैगन कैप्सूल की ऊंचाई करीब 737 किलोमीटर थी. अपोलो काल के बाद अब तक का यह सबसे ऊंचा क्रू मिशन है. इसलिए क्योंकि यह मिशन 1400 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया. पोटीट, गिलिस और मेनन पहली बार अंतरिक्ष में गए हैं. आइसैकमैन साल 2021 के सितंबर में हुई इंस्पीरेशन 4 मिशन में अंतरिक्ष में गए थे.
Congratulations @SpaceX Dragon team, @rookisaacman and the crew of @PolarisProgram! https://t.co/gOr0lEW24B
— Elon Musk (@elonmusk) September 12, 2024
तीन बार टाली गई इस मिशन की लॉन्चिंग
पोलैरिस डॉन मिशन की लॉन्चिंग 26 अगस्त को होनी थी. जो प्री-फ्लाइट चेकअप में गड़बड़ मिलने के बाद टाल दी गई. फिर 27 अगस्त की लॉन्चिंग हीलियम लीक होने की वजह से टाली गई. 28 को प्लान बनाया था लेकिन मौसम ने साथ नहीं दिया. SpaceX ने अपने X हैंडल पर लिखा कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा के आसपास समंदर में जहां गिरेगा, वहां मौसम ठीक नहीं है. इसलिए लॉन्चिंग टाल दी गई. SpaceX ने 10 सितंबर 2024 को पोलैरिस डॉन (Polaris Dawn) को लॉन्च किया था. लॉन्चिंग केप केनवरल से की गई. इसमें फॉल्कन-9 रॉकेट की मदद ली गई.