NDA के इतिहास में पहली बार: 17 महिला कैडेट होंगी पासआउट, 30 मई को दिखेगा अद्भुत नजारा

नेशनल डिफेंस एकेडमी यानी एनडीए (NDA) के 148वें कोर्स की महिला कैडेट्स का पहला बैच त्रिसेवा एकेडमी में पासआउट होने वाला है. 30 मई को उनकी पासिंग आउट परेड होगी. ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिलेगा जब 300 से अधिक पुरुष कैडेट्स के साथ 17 महिला कैडेट्स एनडीए से ग्रेजुएट होंगी. ये सभी महिला कैडेट्स भारतीय थल सेना से लेकर एयर फोर्स और नेवी ज्वाइन करेंगी.

एनडीए के ऐतिहासिक 148वें कोर्स के दीक्षांत समारोह और पासिंग आउट परेड से पहले एनडीए में महिला कैडेट्स के पहले बैच की कुछ कैडेट ने बीते शुक्रवार को देश की प्रमुख त्रिसेवा अकादमी में अपने तीन साल के लंबे सफर पर बातचीत की. उनमें से एक कैडेट इशिता शर्मा ने बताया कि हमें हमेशा समान अवसर दिए गए और हमारा जेंडर कभी इसके आड़े नहीं आया. सभी महिला कैडेट्स में एकता की भावना दिखी, वो हमेशा एक-दूसरे का हाथ थामे दिखीं.

महिलाओं में जगेगी एनडीए में शामिल होने की इच्छा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिवीजन कैडेट कैप्टन इशिता शर्मा एनडीए में आने से पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ऑनर्स कर रही थीं. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि एनडीए में महिलाओं का शामिल होना और पहले बैच का पास होना महिलाओं और महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत मायने रखता है. जब महिलाओं को नेतृत्व करते हुए देखा जाता है, उन्हें स्थायी कमीशन मिलता है, तो इससे युवा महिलाओं में एनडीए और सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा पैदा होती है’.

ट्रेनिंग के साथ सभी में हुआ सुधार

एक अन्य कैडेट रितुल अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहती हैं, ‘मैं अपने लिए शारीरिक सहनशक्ति को ही जिम्मेदार मानूंगी. इन तीन सालों में धीरे-धीरे ट्रेनिंग के साथ हम सभी में बहुत सुधार हुआ है. कई लोग दो किलोमीटर भी नहीं दौड़े थे और बाद में हम लगातार 14 किलोमीटर दौड़ रहे थे. इससे हमें भावनात्मक रूप से फ्लेक्सिबल बनने में भी मदद मिली है’.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और महिलाओं को भी एनडीए परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने का यूपीएससी को आदेश दिया था. दरअसल, शीर्ष अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पात्र महिलाओं को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित एनडीए और नौसेना एकेडमी की प्रवेश परीक्षाओं में बैठने की अनुमति देने के निर्देश देने की मांग की गई थी.

Advertisements
Advertisement