Vayam Bharat

पहली बार तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों ने भरी तेजस में उड़ान… दुश्मनों को दिखाई स्वदेशी ताकत

भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस फाइटर जेट की दुनिया कायल है. भारत की तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों ने भी इसे उड़ाया. आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, वायुसेना के एयर मार्शल एपी सिंह और नौसेना के वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने तेजस फाइटर जेट की उड़ान भरी.

Advertisement

इस उड़ान का मकसद था संयुक्त भागीदारी और सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाना. तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों ने यह उड़ान इसलिए भी भरी क्योंकि इस समय तीनों सेनाओं आधुनिक चुनौतियों का सामना कर रही है. तीनो को एकसाथ इन चुनौतियों से निपटना भी होगा. ऐसा पहली बार हुआ है जब तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों ने एक ही अवसर पर एकसाथ उड़ान भरी. यह उड़ान जोधपुर के आसमान पर हुई.

जोधपुर में हाल ही में भारतीय वायु सेना ने तरंग शक्ति 2024 नाम का मिलिट्री ड्रिल भी किया. यह भारत का पहला बहुराष्ट्रीय अभ्यास है जिसका उद्देश्य इसमें भाग लेने वाले मित्र देशों के बीच कॉर्डिनेशन को बढ़ाना है. इस मिलिट्री एक्सरसाइज में व्यूह रचना भी की गई. इस मिशन में तेजस को करने से भारत के स्वदेशी रक्षा मुहिम को बढ़ावा मिला.

एयरोनॉटिकल डिजाइन एजेंसी (ADA) ने तेजस को डिजाइन किया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इसे बनाया है. तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) को लगाया गया है.

DFCC का साधारण भाषा में मतलब होता है कि फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगाना. यानी कंप्यूटर विमान को उड़ाते समय पायलट के मुताबिक संतुलित रखता है.

इस सिस्टम से राडार, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है. फ्लाई बाय वायर फाइटर जेट को स्टेबलाइज करता है. यह विमान को सुरक्षित बनाता है.

विमान के उन्नत संस्करण, तेजस Mk-1A में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं.

यह फाइटर जेट वैसे तो तेजस एमके-1 की तरह ही है, इसमें कुछ चीजें बदली गई हैं. जैसे इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूईट, उत्तम एईएसए राडार, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, राडार वॉर्निंग रिसीवर लगा है. इसके अलावा इसमें बाहर से ECM पॉड भी लगा सकते हैं.

मार्क-1ए पिछले वैरिएंट से थोड़ा हल्का है. लेकिन यह आकार में उतना ही बड़ा है. यानी 43.4 फीट की लंबाई. 14.5 फीट की ऊंचाई. अधिकतम 2200 km/hr की स्पीड से उड़ान भर सकता है. कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर है. वैसे इसका फेरी रेंज 3000 किलोमीटर है.

यह विमान अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें कुल मिलाकर 9 हार्ड प्वाइंट्स हैं. इसके अलावा 23 मिलिमीटर की ट्विन-बैरल कैनन लगी है. हार्डप्वाइंट्स में 9 अलग-अलग रॉकेट्स, मिसाइलें, बम लगा सकते हैं. या फिर इनका मिश्रण कर सकते हैं.

Advertisements