भारत विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को तीन देशों की यात्रा पर जाएंगे. वो 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद जयशंकर का ये पहला विदेश दौरा होगा. इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बात की जाएगी. इसके साथ ही मंत्री सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन के मुद्दे को उठा सकते हैं.
भारतीय और पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के बीच चार दिन तक चली सैन्य झड़प के बाद जयशंकर की यह पहली विदेश यात्रा होगी. यह यात्रा भारत और यूरोपीय देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा में काफी कारगार साबित हो सकती है. इस यात्रा के जरिए भारत यह दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि वह वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी को और मजबूत करने के लिए तैयार है. नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी तीनों देशों के साथ भारत के संबंध न सिर्फ आर्थिक बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माने जाते हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की यात्रा
विदेश मंत्रालय ने रविवार (18 मई ) को बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे’. इस दौरान वो तीनों देशों के नेतृत्व से मिलेंगे और अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर चर्चा करेंगे.
ऑपरेशन सिंदूर की देंगे जानकारी
उम्मीद है कि जयशंकर तीनों देशों के अपने समकक्षों को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने संबंधी भारत के फैसले से भी अवगत कराएंगे. इस ऑपरेशन के तहत भारत ने सात मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था. भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की हालांकि भारतीय सुरक्षाबलों ने उसके हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया. चार दिन के टकराव के बाद आखिरकार 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सीजफायर पर सहमति बनीथी.