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‘जिस कमरे में धान रखा हो, वहां भूलकर भी न सोएं’, छत्तीसगढ़ में वन विभाग ने जारी की चेतावनी

जशपुरनगर। दल से अलग होकर घूम रहे दंतैल (लोनर एलीफेंट) के हमले में ग्रामीण दंपत्ति की जान बाल-बाल बच गई। हमले के समय दंपत्ति घर में सोए हुए थे. इसी दौरान धान खाने के चक्कर में दंतैल ने कच्चे मकान की दीवार को अपने दांतों से ध्वस्त कर दिया. दीवार का मलबा गिरने से बचे दंपत्ति के सामने ही दंतैल खड़ा हुआ था.

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सामने हाथी को देखकर उड़े होश

हाथी को सामने खड़ा देकर दंपत्ति के होश उड़ गए और उन्होनें बगल के दूसरे कमरे में भाग कर अपनी जान बचाई. इस बीच हाथी के चिंघाड़ और दीवार गिरने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए और सबने मिल कर दंतैल को जंगल की ओर खदेड़ा. घटना जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लाक के नारायणपुर के बादलखोल अभ्यारण्य क्षेत्र में स्थित बुटुंगा गांव की है.

गेम रेंजर बुद्धेश्वर साय ने बताया कि धान की खूश्बू पा कर दंतैल ने अपने दांतों से एक ग्रामीण के कच्चे मकान की दीवार का एक बड़ा हिस्सा गिरा दिया. दीवार के मलबा गिरने की आवाज सुन कर ग्रामीण एलासियुस एक्का और उसकी पत्नी की नींद खुली. सामने में दीवार में बने छेद से दंतैल ने सूढ़ को अंदर घुसा दिया था.

तीन लोगों की जान ले चुका है दंतैल

गौरतलब है कि दल से अलग होकर भटक रहा यह दंतैल बहुत ही आक्रामक है.बुटुंगा से पहले बीते गुरुवार को नारायणपुर थाना क्षेत्र के डुमेरडांड़ में जगरनाथ राम 55 वर्ष को कुचल कर मार दिया था. इससे पहले तपकरा वन परिक्षेत्र के रांपाडांड़ में इसी दंतैल ने दो सगे भाईयों की जान ले ली थी. इस आक्रामक दंतैल को लेकर वनविभाग ने विशेष निगरानी की व्यवस्था की है. डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग करने के साथ विभाग सूचना तंत्र को भी अधिक सक्रिय किया गया है.

हाथियों को ट्रैक करने के लिए विभाग के एसडीओ और रेंजर,बीट गार्ड और हाथी मित्रदल के साथ 24 घंटे पेट्रोलिंग कर रहे हैं. हाथियों की हलचल की सूचना देने के लिए मुनादी कराने के साथ इंटरनेट मिडिया और एनीमल ट्रेकर डिवाइस का प्रयोग भी किया जा रहा है.

धान रखे कमरे में ना सोने की सलाह

वन विभाग ने जिले में हाथियों से होने वाली जनहानि को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए हाथी विचरण क्षेत्र के रहवासियों को लिखित में सूचना देने का अभियान चलाया हुआ है. साथ ही विभाग ने ग्रामीणों को घर में शराब, महुआ, धान और कटहल ना रखने की सलाह भी दी है. विभाग का कहना है कि इनकी खुश्बू से हाथी घर की ओर आकर्षित होता है. डीएफओ ने बताया कि ग्रामीणों को रात के समय धान रखे हुए कमरे में ना सोने की सलाह भी दी गई है क्योंकि धान की खुशबू से आकर्षित हाथी उसी कमरे को निशाना बनाते हैं. इस दौरान मलबे में दबने और हाथियों से सामना होने का खतरा होता है.

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