मिर्ज़ापुर : गर्मी का मौसम प्रारंभ होते ही जिले के विभिन्न हिस्सों में बेशकीमती पेड़ों का कटान तेज कर दिया गया है. वन विभाग की मिली भगत से बन लकड़ी माफिया सक्रिय हो उठें हैं. बताया जा रहा है कि विंध्याचल थाना क्षेत्र के नकटा में अवैध सागौन के पेड़ की कटाई हो रही है जहां पेड़ कटाई के दौरान समीप में खेल रहे बच्चे बाल बाल बचे हैं.
जिसे देख ग्रामीण आक्रोशित हो उठे ग्रामीणों ने अवैध ढंग से हो रहें पेड़ों के कटान का विरोध किया है. ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ों के कट जाने से इस वर्ष पड़ने वाली प्रचंड गर्मी से उनके साथ जीव जंतुओं का बुराहाल होगा. छांव का ठौर न होने से मवेशियों का बुरा हाल हो उठेगा.वहीं वन माफियाओं ने पेड़ उठाने विरोध करते हुए ग्रामीणों को ही आंख दिखाना शुरू किया है.
ग्रामीणों के मुताबिक जिस स्थान से पेड़ों को काटा जा रहा है वहीं पेड़ के बगल से बिजली के पोल भी गुज़रे हैं, पेड़ों की कटाई के दौरान बिजली के तारों को तोड़ते हुए बच्चों के पास सागौन का पेड़ गिरने बच्चे बाल-बाल बचे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके बार-बार मना करने के बाद भी पेड़ों का काटने का काम थमा नहीं है.
ग्रामीणों के मुताबिक पेड़ कटवा रहे कल्लू का कहना था कि उनका अपना पुलिस और वन विभाग से पूरा सिस्टम है पेड़ यहां से जाने दो नहीं तो सबको फंसा दूंगा, जिस पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और वह कटे हुए पेड़ों को ले जाने का विरोध करते हुए मौके पर अधिकारियों के आने की मांग पर अड़ गए थे कि जब तक जिम्मेदार नहीं दिए आएंगे तब तक वह लकड़ी को उठने नहीं दिया.
आखिरकार ग्रामीणों के तेवर को देख और मौके की नज़ाकत को भांपते हुए पेड़ों के कटान में जुटे कल्लू लोहार धीरे से भाग खड़ा हुआ है.
दिनदहाड़े हो रहा बेशकीमती पेड़ों का कटान वन विभाग को भनक तक नहीं
ग्रामीण सवाल करते हैं कि आखिरकार यह कौन सा सिस्टम है कि क्षेत्र में पेड़ों की कटाई बंद नहीं हो पा रही है और ना ही जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को इसकी कानों-कान तक खबर हो पा रही है. बताया जा रहा है कि अभी कुछ दिन पहले सड़क के बगल से शीशम का पेड़ कटवा दिया गया और आए दिन पेड़ कट ही रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार इस क्षेत्र में तैनात जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी किस प्रकार से वनों पेड़ों की रखवाली कर रहे हैं.
ग्रामीण बताते हैं कि वन विभाग एवं स्थानीय चौकी पुलिस द्वारा अवैध ढंग से पेड़ों की कटाई की खूली छूट दे दी गई है. सूत्र बताते हैं कि विंध्य पर्वतों से लेकर समतल स्थान तक बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिसमें वन विभाग के कर्मचारी, अधिकारी स्थानीय पुलिस की मिली भगत से कई जगहों पर पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही है.
विंध्य पर्वत क्षेत्र सहित विंध्याचल क्षेत्र व आसपास के इलाके में हो रहे धड़ल्ले से पेड़ों के कटान पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने वाले लोगों ने चिंता जताई है, जिनका कहना है कि, भूल गए लोग वह समय जब पैसे देने पर भी ऑक्सीजन नहीं मिलते थे? यदि हरे भरे पेड़ नहीं होंगे तो हमें ऑक्सीजन कहां से मिलेगा.
जानकारों की मानें तो इसी प्रकार से बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई होती रही तो भीषण गर्मी के साथ साथ ऑक्सीजन की कमी से भी लोगों को जूझना पड़ जाएगा. आस-पास के लोगों ने जिले के आलाधिकारी सहित संबंधित विभाग से इस मामले में पूरी सक्रियता दिखाते हुए वन माफियाओं के ऊपर कड़ी कार्रवाई करते हुए पेड़ों का कटान रोकने की मांग की है, ताकि पेड़ों का संरक्षण हो सके.
अल सुबह होती है कटे पेड़ों की ढुलाई
सूत्र बताते हैं कि थाना विंध्याचल क्षेत्र अंतर्गत बघरा तिवारी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से अवैध ढंग से पेड़ों की कटाई की जा रही है वह भी पूरे दबंगई के साथ इससे साफ पता चलता है कि इन्हें इलाकाई पुलिस से लेकर संबंधित विभाग के लोगों का भी खुला संरक्षण प्राप्त है.
ग्रामीण बताते हैं कि हरे जामुन सहित बेशकीमती पेड़ों को शनिवार को तड़के भोर में डीसीएम ट्रक में कटे हुए पेड़ को लादकर ले जाया गया है. मजे की बात है कि स्थानीय लोगों सहित मीडिया के लोगों ने भी वन विभाग को सूचना देकर इस संदर्भ में जब जानकारी चाही है कि किसके आदेश निर्देश पर पेड़ काटे जा रहे हैं, जिसका जवाब देना तो दूर रहा है कोई इधर झांकने तक नहीं आया है. इससे साफ पता चलता है कि अवैध ढंग से पेड़ों के कटान में सभी की मौन सहमति-स्वीकृति और कंबल ओढ़ की घी पीने की दिलचस्पी भी है.