उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 15 साल पहले तक सुल्तानपुर रोड का मतलब था सुनसान इलाका, जहां शाम ढलने के बाद लोग जाने से कतराते थे, लेकिन आज सुल्तानपुर रोड पर प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं. सारे बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट इसी एरिया में स्थापित हो रहे हैं. एलडीए अब सुल्तानपुर रोड पर आईटी सिटी स्थापित करने जा रहा है. इसके बगल सीजी सिटी में पहले से ही मल्टीनेशनल कंपनी HCL ने निवेश किया हुआ है. लखनऊ में इंटरनेशनल लेवल की ये आईटी सिटी होगी, जो एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बड़े अस्पताल और स्कूल से महज कुछ ही मिनट की दूरी पर है.
LDA सुल्तानपुर रोड और किसान पथ के बीच लगभग 2,858 एकड़ के विशाल क्षेत्र में IT सिटी विकसित कर रहा है. इस परियोजना का डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार हो चुका है और इसे शासन को मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है. लखनऊ को आईटी हब बनाने के दृष्टि से ये आईटी सिटी प्रस्तावित है. यहां कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, मॉल, इंडोर स्टेडियम, एम्युसमेंट पार्क, पेट्रोल पम्प और वर्ल्ड क्लास स्कूल और हॉस्पिटल बनना प्रस्तावित है. आगे चलकर ईडब्लूएस क्लास के लोगों के लिए भी भूखंड देने की योजना है. लखनऊ में सर्किल रेट को रीवाइज करने पर मंथन चल रहा है. रिवाइज रेट आते ही प्लॉट की कीमतें तय हो जाएंगी.
इस योजना के तहत 4025 से 5000 आवासीय भूखंड विकसित किए जाएंगे, जिनका आकार 72 वर्ग मीटर से 1250 वर्ग मीटर तक होगा. इनमें से सबसे अधिक 1848 भूखंड 200 वर्ग मीटर के होंगे. इसके अलावा, 25,609 EWS (Economically Weaker Section) और LIG (Low-Income Group) के लिए मकान और प्लॉट भी बनाए जाएंगे. ग्रुप हाउसिंग के लिए बड़े भूखंड और फ्लैट्स का निर्माण भी इस योजना का हिस्सा है.
जमीन अधिग्रहण- IT सिटी के लिए मोहनलालगंज तहसील के 10 गांवों- बक्कास, सोनई कंजेहरा, सिकंदरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेहटा, पहाड़नगर टिकरिया, रकीबाबाद, मोहारी खुर्द, खुजौली और भटवारा की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके लिए 1543 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है.
साइट ऑफिस निर्माण- मोहारी खुर्द गांव में साइट ऑफिस का निर्माण शुरू हो गया है और LDA ने स्थल पर बोर्ड लगाकर काम की शुरुआत कर दी है.
लैंड पूलिंग नीति- स्थानीय किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए LDA ने लैंड पूलिंग नीति अपनाई है, जिसके तहत किसानों को उनकी जमीन के बदले विकसित प्लॉट दिए जाएंगे. शहरी क्षेत्रों में दोगुना और ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना मुआवजा देने की नीति भी लागू की गई है.
डीपीआर और मंजूरी- योजना का डीपीआर तैयार हो चुका है और शासन से जमीन अधिग्रहण के लिए बजट स्वीकृत हो गया है. सामाजिक प्रभाव (सोशल इम्पैक्ट) सर्वे के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है.
परियोजना लॉन्च- LDA ने इस परियोजना को 2025 दिवाली के अवसर पर लॉन्च करने की योजना बनाई है.
ब्लॉक, प्लॉट, और फ्लैट्स- IT सिटी को सप्त ऋषियों के नाम पर सात सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा. इनमें आवासीय भूखंड 72 से 1250 वर्ग मीटर के 4000 से 5000 भूखंड, जिनमें 1800 से 1848 भूखंड 200 वर्ग मीटर के होंगे.
ग्रुप हाउसिंग- बड़े भूखंडों पर फ्लैट्स और अपार्टमेंट्स का निर्माण होगा. हालांकि, LDA ने हाल ही में फ्लैट निर्माण बंद करने का निर्णय लिया है और अब केवल प्लॉट बेचे जाएंगे, जिन पर लोग अपने हिसाब से नक्शा पास करवाकर घर बना सकेंगे.
EWS और LIG- 25,609 मकान और प्लॉट आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के लिए बनाए जाएंगे.
IT सिटी में क्या होंगी सुविधाएं?
IT सिटी को एक हाईटेक और आत्मनिर्भर टाउनशिप के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें निम्नलिखित सुविधाएं होंगी. औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्र 360 से 445.65 एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र और 60 से 260 एकड़ में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए क्षेत्र आरक्षित होंगे. इसमें हाईटेक टेक्नोलॉजी पार्क, ग्लोबल बिजनेस पार्क और साइंस व इंजीनियरिंग उपकरण क्षेत्र शामिल हैं.
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल- स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाया जाएगा.
ग्रीन बेल्ट और गोल्फ कोर्स- 188 एकड़ में सेंट्रल पार्क और गोल्फ कोर्स, साथ ही 15 एकड़ में वाटर बॉडी, जो पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी-
शैक्षणिक और अन्य सुविधाएं- प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक की सुविधाएं, दुकानें, ऑफिस और मनोरंजन केंद्र. रोड कनेक्टिविटी- 24 से 60 मीटर चौड़ी सड़कें, जो यातायात को सुगम बनाएंगी.
IT सिटी की शुरुआत
IT सिटी की अवधारणा सबसे पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने प्रस्तावित की थी, लेकिन शुरुआत में इस परियोजना में अंसल एपीआई बिल्डर शामिल थे. बाद में उनकी जमीन का लाइसेंस घटने और कुछ जमीन छूटने के बाद LDA ने पूरी जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली. अब यह परियोजना पूरी तरह LDA के अधीन है और इन्वेस्ट यूपी के तहत IT, AI और सॉफ्टवेयर कंपनियों को जमीन आवंटित की जा रही है.
IT सिटी को निजी निवेश आकर्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है. इन्वेस्ट यूपी के तहत IT, AI और सॉफ्टवेयर कंपनियों को जमीन आवंटित की जाएगी. HCL जैसी बड़ी कंपनियां पहले ही इस क्षेत्र में मौजूद हैं और नई कंपनियों के आने से रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है.
क्या नई विधानसभा भी बनेगी?
पहले सुल्तानपुर रोड पर विधानसभा भवन को स्थानांतरित करने की योजना थी, लेकिन शासन स्तर पर हुई चर्चा के बाद इसे रद्द कर दिया गया. LDA के अधिकारियों और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय (लोक भवन) और अन्य सचिवालय भवन हजरतगंज में स्थित हैं. विधानसभा को सुल्तानपुर रोड पर ले जाने से आवागमन में समस्याएं हो सकती थीं. इसलिए, विधानसभा को हजरतगंज में ही रखने और इसका विस्तार करने का निर्णय लिया गया. इस प्रकार, IT सिटी के क्षेत्र में विधानसभा बनने की उम्मीद कम है.
किसान पथ- IT सिटी को किसान पथ के माध्यम से सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा, जो वाराणसी और पूर्वी उत्तर प्रदेश की यात्रा को आसान बनाएगा.
आगरा एक्सप्रेस-वे- सुल्तानपुर रोड से आगरा एक्सप्रेस-वे के माध्यम से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.
लखनऊ एयरपोर्ट- IT सिटी से चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (अमौसी) सुल्तानपुर रोड और अन्य प्रमुख सड़कों के माध्यम से आसानी से सुलभ है.
आउटर रिंग रोड- 104 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड, जो सुल्तानपुर रोड, रायबरेली रोड और कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, गोंडा, सीतापुर, हरदोई रोड को जोड़ती है, IT सिटी को शहर के अन्य हिस्सों से जोड़ेगी, जिससे यातायात सुगम होगा.
पर्यावरण का रखा गया विशेष ध्यान
IT सिटी को पर्यावरण अनुकूल बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है. 188 एकड़ में सेंट्रल पार्क और गोल्फ कोर्स, 15 एकड़ में वाटर बॉडी और ग्रीन बेल्ट इसकी खूबसूरती को बढ़ाएंगे. यह टाउनशिप दुबई और कतर की तर्ज पर डिजाइन की जा रही है, जहां हर सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी. अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया, “जमीन अधिग्रहण और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. हम अगले दो वर्षों में इस परियोजना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” मुश्किल से 3-4 किलोमीटर की दूरी पर मेदांता हॉस्पिटल, सीजी सिटी में कैंसर संस्थान, इकाना क्रिकेट स्टेडियम, यूपी पुलिस का हेडक्वार्टर और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल है. इसी क्षेत्र में प्लासिया व विश्वस्तरीय लुलु मॉल स्थित है.
IT सिटी के ठीक बगल सीजी सिटी है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए इसे बनवाया था, जिसमें एचसीएल जैसी बड़ी कंपनियां आ चुकी हैं. साथ ही पराग व अमूल डेयरी का प्लांट भी वहीं पर लगा हुआ है. यूपी विधानसभा और हजरतगंज की दूरी 14 किलोमीटर है, जबकि चारबाग की दूरी 17 किलोमीटर है.
बता दें कि सीजी सिटी की सभी सड़कें इतनी चौड़ी और जाम मुक्त हैं, जितनी लखनऊ शहर में कहीं पर भी देखने के लिए नहीं मिलती हैं. यही वजह है कि लखनऊ के युवा इन सड़कों पर इंस्टाग्राम की रील बनाने से लेकर यूट्यूब वीडियो तक बनाते हैं. कुछ ही दुरी पर सुशांत गोल्फ सिटी होने की वजह से जगह-जगह पर गोल्फ गॉर्डन बने हुए हैं. और तो और यहां पर तमाम सेल्फी पॉइंट हैं, जो युवाओं के साथ ही बड़े बुजुर्गों को भी खूब लुभाते हैं.
12 गांवों की जमीन बेचने पर लगी रोक
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने गोमती नगर विस्तार में प्रस्तावित IT सिटी परियोजना के तहत 12 गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है. यह कदम कुछ प्रॉपर्टी डीलरों और बिल्डरों द्वारा अवैध रूप से जमीन की खरीद-बिक्री की शिकायतों के बाद उठाया गया है. LDA का उद्देश्य है कि आम लोग प्रॉपर्टी डीलरों के जाल में न फंसें और परियोजना सुचारू रूप से आगे बढ़े.
LDA उपाध्यक्ष की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, IT सिटी योजना के अंतर्गत निम्नलिखित गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है…
रकीबाबाद: खसरा संख्या 1 से 492
सोनई कंजेहरा: खसरा संख्या 144 से 1085
भटवारा: खसरा संख्या 379 से 477
मोहारीखुर्द: खसरा संख्या 1 से 497
सिकंदरपुर अमोलिया: खसरा संख्या 11 से 621
बक्कास: खसरा संख्या 2938 से 3094
पहाड़नगर टिकरिया: खसरा संख्या 3 से 619
परेहटा: खसरा संख्या 165 से 1464
सिद्धपुरा: खसरा संख्या 2 से 775 खुजौली: खसरा संख्या 320 से 324
इन क्षेत्रों में कोई भी लेआउट या मानचित्र स्वीकृत नहीं किया जाएगा. साथ ही, इन खसरा संख्याओं पर की गई जमीन की खरीद-फरोख्त अवैध मानी जाएगी. LDA ने स्पष्ट किया है कि उपरोक्त गांवों में किसी भी प्रकार के निर्माण या लेआउट के लिए नक्शा मंजूर नहीं होगा. IT सिटी परियोजना को गति देने के लिए LDA ने राजस्व विभाग की एक विशेष टीम नियुक्त की है. यह टीम जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करेगी और किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान करेगी.