भोपाल। देश भर में डिजिटल इंडिया का दावा किया जा रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में यह दावा फेल होता नजर आ रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्यूरिटी व डाटा साइंस, कोडिंग जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं, लेकिन प्रदेश के 59 हजार स्कूलों ने तो कंप्यूटर ही नहीं देखा है।
66 हजार स्कूलों में इंटरनेट नहीं
ऐसे 66 हजार स्कूल हैं, जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। हद यह है कि 10 हजार से अधिक स्कूलों में तो बिजली भी नहीं पहुंची है और करीब 15 हजार में बिजली आपूर्ति की सुविधा नहीं है। यह आंकड़ें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफार्मेशन सिस्टम फार एजुकेशन (यूडाइस) के शैक्षणिक सत्र 2024-25 में सामने आया है।
स्कूलों की बदहाली बताते आंकड़े
विभाग की ओर से हर साल स्कूलों की बदहाली के ये आंकड़े और बजट स्वीकृत किए जाते हैं, लेकिन स्कूलों का हाल जस का तस है। बता दें, कि हाल में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कई बार निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए, लेकिन कुछ भी नहीं होता
है।