झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने ED द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने को कानून सम्मत बताते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.
बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका के बारे में बताया. उन्होंने अदालत से मामले को सुनवाई के लिए तुरंत सूचीबद्ध करने की अपील की. उन्होंने इसके लिए लोकसभा चुनाव का हवाला दिया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह इस अनुरोध पर विचार करेंगे.
बता दें, लंबी पूछताछ के बाद ED ने 31 जनवरी को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था. फिलहाल उन्हें बिरसा मुंडा जेल में रखा गया है.
साथ ही, मामले में सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि हेमंत सोरेन के खिलाफ मिले सबूत और दस्तावेज झूठे नहीं लगते हैं. याचिकाकर्ता ने कहा था कि उनके दिल्ली स्थित आवास से मिले पैसे उनके हैं और उनके माता-पिता के इलाज के लिए हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि यह बात प्रथम दृष्टया अस्वीकार्य प्रतीत होता है.
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ ED द्वारा की गई कार्रवाई केवल PMLA की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों पर आधारित नहीं है. इसमें उन लोगों के बयान भी हैं, जिन्होंने खुद को इन संपत्तियों का असली मालिक बताया है. कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायिक हिरासत के लिए दस्तावेजों की भरमार है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह मानना सही नहीं कि ED ने बिना किसी कारण हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की है.