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तिरुपति प्रसाद में जानवरों की चर्बी के दावे पर आया पूर्व CM जगन का बयान

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलने वाले लड्डू को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. विवाद के बीच अब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी सत्ताधारी तेलुगु देशम पार्टी के आरोपों प्रतिक्रिया देते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.

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दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. इन्हीं आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सीएम ने कहा, ‘भगवान के नाम पर राजनीति की जा रही है.’

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि टीडीपी द्वारा साझा की गई कथित लैब रिपोर्ट जुलाई की है जो कि एन. चंद्रबाबू नायडू के कार्यकाल की है. हमें पता चला कि घी की गुणवत्ता खराब है और हमने तुरंत तत्कालीन मुख्यमंत्री नायडू को इस बारे में जानकारी दी. उस वक्त घटिया घी की आपूर्ति के लिए एआर डेयरी जिम्मेदारी थी.

‘धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है TDP’

जगन मोहन रेड्डी ने आगे कहा कि टेंडर की प्रक्रिया हर छह महीने में होती है और क्वालिफिकेशन के मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं. सप्लायर को एनएबीएल सर्टिफिकेट प्रोवाइड करना चाहिए. टीटीडी घी के सैंपल इकट्ठे करता है और केवल वे सर्टिफिकेशन पास करने वाले प्रोडक्ट को ही इस्तेमाल करने की मंजूरी देनी चाहिए. टीडीपी धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है. हमने अपने शासन काल में 18 बार प्रोडक्ट को खारिज किया है. उन्होंने अपने और अपने प्रशासन के खिलाफ मौजूदा आरोपों को झूठा और अनावश्यक करार दिया है और इस पूरे विवाद को अनुचित बताया है.

क्या है मामला

बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में आंध्र का सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी और अन्य घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.

20 सितंबर को गुजरात स्थित पशुधन लैबोट्री एनडीडीबी सीएएलएफ लिमिटेड ने भी पुष्टि की कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिस ऑयल होता है. इस रिपोर्ट की कॉपी को टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने साझा किया था.

टीडीपी प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा, “सैंपल की लैब रिपोर्ट पुष्टि करती है कि घी की तैयारी में जानवरों की चर्बी, लार्ड और फिश ऑयल का इस्तेमाल किया गया था. जिसे तिरुमाला को सप्लाई किया गया था, जिसकी एस वैल्यू 19.7 है. विवाद के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से बात की और पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी.

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