बकेबर/इटावा: कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित जेटवर्क मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने कांग्रेस के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष अनिल यादव, उनके बेटे अनुराग यादव, भतीजे प्रशांत यादव (शशांक यादव) और उनकी कंपनी एमएस एसोसिएट के एक अज्ञात प्रतिनिधि के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है.
यह मामला लगभग 1 करोड़ 29 लाख रुपये मूल्य के फर्नेस ऑयल (जलाने वाला तेल) के गोदाम से गायब होने और 50 लाख रुपये की चेक बाउंस होने से जुड़ा है.
क्या है पूरा मामला?
जेटवर्क मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधक नवनीत कुमार ने बकेवर थाने में शिकायत दर्ज कराई है.उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में कंपनी को पश्चिम बंगाल के जालान इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स से फर्नेस ऑयल कानपुर भेजना था.इसी सिलसिले में एमएस एसोसिएट के प्रतिनिधि के तौर पर अनुराग यादव और शशांक यादव ने उनसे संपर्क किया। उन्होंने बताया कि इटावा के बकेवर क्षेत्र के बम्हौरा के पास उनका एक वेयरहाउस है, जहां तेल का भंडारण किया जा सकता है.
इटावा और दिल्ली में हुई बैठकों के बाद, दोनों पक्षों के बीच 500 रुपये प्रति टन के भंडारण शुल्क पर सहमति बनी. कंपनी ने भरोसा करते हुए पांच अलग-अलग खेपों में कुल 199.30 टन फर्नेस ऑयल, जिसकी कुल कीमत लगभग 1 करोड़ 29 लाख रुपये थी, इस वेयरहाउस में भेजा.
माल गायब और चेक बाउंस
शिकायत के अनुसार, जब 6 जून 2024 को कंपनी के प्रतिनिधियों ने वेयरहाउस का निरीक्षण किया, तो उन्हें पूरा माल गायब मिला.शशांक यादव से इस बारे में पूछा गया, लेकिन वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और भुगतान करने में भी टालमटोल करने लगे.
कंपनी ने जून 2024 में ही बकेवर थाने में इस मामले में एक प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन तब मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.इसके बाद, आरोपित अनिल यादव और शशांक यादव ने अपनी कंपनी की ओर से 50 लाख रुपये की एक चेक भी जारी की, लेकिन वह चेक भी बाउंस हो गई, जिससे धोखाधड़ी का संदेह और गहरा गया.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
मंगलवार को, पुलिस ने अंततः नवनीत कुमार की शिकायत पर अनिल यादव, अनुराग यादव, शशांक यादव और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का मुकदमा दर्ज कर लिया है.प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र सिंह राठी ने इस बात की पुष्टि की और बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी.
अनिल यादव का स्पष्टीकरण
इस पूरे मामले पर अनिल यादव का कहना है कि कंपनी से उनकी बातचीत हुई थी.उनका तर्क है कि तेल का माल खराब हो रहा था, इसलिए उनके भतीजे ने उसे कानपुर में बेच दिया था। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही कंपनी का भुगतान कर देंगे। हालांकि, कंपनी का कहना है कि माल गायब पाया गया और भुगतान के लिए दी गई चेक भी बाउंस हो गई है, जो उनके दावे के विपरीत है.