झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया. वह 81 वर्ष के थे. उन्होंने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में आखिरी सांस ली.
शिबू सोरेन को जुलाई में किडनी से जुड़ी समस्या की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी तबियत नाजुक होने की वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
शिबू सोरेन के निधन पर उनके बेटे हेमंत सोरेन ने कहा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं. आज मैं शून्य हो गया हूं.
बता दें कि शिबू सोरेन पिछले 38 सालों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख नेता थे. उन्हें पार्टी के संस्थापक संरक्षक के रूप में जाना जाता था. पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन का जन्म 11 जनवरी, 1944 को बिहार अब झारखंड के हजारीबाग में हुआ था. उन्हें दिशोम गुरु और गुरुजी के नाम से भी जनता के बीच जाना जाता रहा. उन्होंने शुरुआत में आदिवासियों के शोषण के खिलाफ संघर्ष किया. उन्होंने 70 के दशक में ‘धनकटनी आंदोलन’ और अन्य आंदोलनों के जरिए आदिवासी समाज की आवाज बुलंद की.
उन्होंने 1977 में पहली बार चुनाव लड़ा था. लेकिन हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, 1980 से लगातार कई बार सांसद चुने गए. बिहार से अलग राज्य ‘झारखंड’ बनाने के आंदोलन में भी उनका निर्णायक भूमिका रहा है. वे तीन बार (2005, 2008, 2009) झारखंड के मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.