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पूर्व मंत्री कवासी लखमा जेल भेजे गए, अवैध सिंडिकेट से 72 करोड़ की बरामदगी का आरोप..

छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में पेश किया, जहां उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है. लखमा पर 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का आरोप है, और उन्हें 2 फरवरी को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा.

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आरोपों के मुताबिक, कवासी लखमा को 36 महीनों में अवैध सिंडिकेट के माध्यम से 72 करोड़ रुपये मिले थे. यह मामला छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है, और ईडी इसकी जांच कर रही है.

ईडी ने कवासी लखमा को 15 जनवरी 2025 को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके करीबियों के घरों पर छापेमारी की थी. 3 जनवरी और 9 जनवरी को भी कांग्रेस नेता लखमा से पूछताछ की गई थी. इसके बाद 15 जनवरी को पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. 21 जनवरी तक उन्हें रिमांड पर भेजा गया था और मंगलवार को रिमांड खत्म हो रही थी. ऐसे में ईडी ने फिर से उन्हें विशेष अदालत में पेश किया.

ईडी का आरोप- तीन साल में लखमा को मिले 72 करोड़

कवासी लखमा की गिरफ्तारी 2161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में हुई है. ED के मुताबिक, लखमा को हर महीने शराब घोटाले के सिंडिकेट से दो करोड़ मिलते थे. यानी कि तीन साल में कवासी लखमा को सिंडिकेट से 72 करोड़ मिलते थे.

कब हुआ ‘घोटाला’? 

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ था. इस समय कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में थी. उस समय कवासी लखमा राज्य के आबकारी मंत्री थे. ईडी का आरोप है कि लखमा ने शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय से बड़ी रकम मासिक रूप से प्राप्त की थी

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