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पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हाईकोर्ट से मिली बेल, सजा पर रोक नहीं, इस बार नहीं लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत दे दी. साथ ही सजा को रद्द करने की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी है. इसके चलते इस बार लोकसभा चुनाव वह नहीं लड़ पाएंगे. इस कार वह अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत दी है.

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वादी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत दो लोगों के खिलाफ अपहरण और रंगदारी के मामले में FIR दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था, फिर उनको जेल भेज दिया गया था. इस मामले में वह तीन महीने जिला कारागार में बंद रहे. इसके बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जमानत हुई. मामले में पुलिस ने विवेचना करने के बाद तीन महीने में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी.

जौनपुर की MP/MLA कोर्ट ने दो अप्रैल 2022 को धनंजय सिंह और सहयोगी पर आरोप तय किए थे. इसके बाद 5 मार्च 2023 को धनंजय सिंह समेत दो को दोषी करार दिया गया था. फिर 6 मार्च 2024 को सात साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.

पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने जौनपुर की विशेष अदालत से 7 साल की सजा मिली थी. इसके खिलाफ पिछले महीने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर अंतिम फैसला आने तक सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. इसके अलावा जमानत पर जेल से रिहा करने की मांग की थी. धनंजय सिंह की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई गुरुवार को पूरी हो गई थी. पूर्व सासद धनंजय सिंह को सजा सुनाए जाने के बाद बसपा ने उनकी पत्नी श्रीकला को जौनपुर में उम्मीदवार बनाया था.

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