देश भर में भाषा को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है. तमिलनाडु के बाद महाराष्ट्र में इसको लेकर भारी बवाल देखने को मिला. इस विवाद पर जारी बहस के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का बयान भी सामने आया है. मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव को हिंदी समेत 19 भाषाएं आती थीं.
नरसिंह राव का जीवन और विरासत विषय पर व्याख्यान देते हुए नायडू ने उन्हें एक महान राजनेता और दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में याद किया, जिन पर तेलुगु समुदाय को गर्व है. उन्होंने तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हिंदी थोपे जाने के आरोपों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “अब हम पूछ रहे हैं – हमें हिंदी क्यों सीखनी चाहिए?”
नरसिंह राव थे देंग शियाओपिंग
‘पूर्व प्रधानमंत्री श्री पीवी. नरसिम्हा राव का जीवन और विरासत’ विषय पर एक व्याख्यान के दौरान, नायडू ने उन्हें एक “महान राजनेता” और “दूरदर्शी” बताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत का भविष्य बदल दिया. सीएम ने कहा कि स्वतंत्र भारत दो चरणों में विभाजित है. आर्थिक सुधारों से पहले का और उसके बाद का.
नायडू ने 1991 के आर्थिक संकट को याद करते हुए आर्थिक सुधारों का श्रेय राव को दिया और उन्हें “भारत माता के महानतम सपूतों में से एक बताया है. पी वी नरसिम्हा राव भारत के देंग शियाओपिंग थे. उन्होंने 1991 में अर्थव्यवस्था के खुलेपन की तुलना 1978 में देंग द्वारा चीनी अर्थव्यवस्था में किए गए बदलाव से की. नायडू ने कहा, “उन्होंने भारत का भविष्य बदल दिया और आज हम उनके सुधारों का फल भोग रहे हैं.
अल्पमत में रहने के बाद भी किया शानदार काम
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राव उस समय अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे थे. इसके बाद भी, अपनी राजनीतिक सूझबूझ के कारण वे विभिन्न दलों और विचारधाराओं के बीच आम सहमति बनाने में सफल रहे. यह उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी. नायडू ने कहा कि 1991 के आर्थिक सुधारों के कारण ही 1989 और 2014 के बीच गठबंधन सरकारें होने के बावजूद, “परिणाम पिछले दशकों में बहुमत वाली सरकारों की तुलना में बेहतर रहे हैं.
नायडू ने कहा कि पूर्व पीएम राव की तरफ से किए गए सुधारों के बाद, अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बुनियादी अवसंरचना के निर्माण पर काम किया. नायडू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी सराहना की और भारत की आर्थिक वृद्धि का श्रेय उन्हें दिया.