पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की जेल से रिहाई की मांग की है. संसद में अपने भाषण के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने अमृतपाल सिंह की रिहाई की मांग करते हुए कहा, ‘पंजाब के 20 लाख लोगों ने उसे अपना नेता चुनकर संसद भेजा है. लेकिन उसे जेल में डाल दिया गया है. वह अपने क्षेत्र के लोगों की बात सदन में रखने में असमर्थ है.ये भी एक तरह की इमरजेंसी है.’
एनडीए सरकार पर साधा निशाना
संसद में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीजेपी वाले हर रोज आपातकाल की बात करते हैं. लेकिन आज देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है. उन्होंने कहा कि सिद्धू मूसेवाला के परिवार को अब तक इंसाफ नहीं मिला. यह भी आपातकाल है. आपातकाल यह भी है कि 20 लाख लोगों की ओर से पंजाब में जिले लोकसभा का सदस्य चुना गया, वह एनएसए के तहत जेल में हैं. वह अपने क्षेत्र के लोगों की बात नहीं रख पा रहे हैं. वहीं, विपक्ष की आवाज दबाने के लिए सरकार नेताओं को जांच एजेंसी का डर दिखाती है. आज अपनी मांग पर अड़े हजारों किसानों को खालिस्तानी कहा जाता है.
बजट में पंजाब की उपेक्षा हुईः चन्नी
सदन में अपने भाषण के दौरान चन्नी ने बजट को लेकर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि बजट वाले दिन मैं नए कपड़े पहनकर आया कि पंजाब को बहुत कुछ मिलेगा. हम सभी प्रेस वार्ता करेंगे कि क्या क्या मिला. लेकिन यहां आकर खोदा पहाड़ तो चूहा भी नहीं निकला. यह सरकार हर नागरिक को बराबर नहीं देख रही है. एनडीए को अपनी सरकार बचाने की फिक्र है. ये देश बचाने वाला नहीं बल्कि सरकार बचाने वाला बजट है.
कौन है अमृतपाल सिंह
खालिस्तानी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव में पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय जीत दर्ज की है.अमृतपाल सिंह पिछले साल मार्च से ही जेल में बंद है. उनपर एनएसए के तहत केस चल रहा है. अमृतपाल सिंह तब सुर्खियों में आया था. जब उसने एक पुलिस स्टेशन में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ हमला बोल दिया था.
पंजाब में उसे जरनैल सिंह भिंडरा वाले-2.0 तक कहा जाता है. बता दें कि भिंडरावाले ने 1980 के दशक में सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग उठाई थी और पूरे पंजाब में कोहराम मचा दिया था. ठीक उसी तरह अमृतपाल सिंह सिर पर तुलनात्मक रूप से भारी पगड़ी बांधता है.