उत्तर प्रदेश की कानपुर-सीसामऊ विधानसभा सीट से पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक इरफान सोलंकी को मंगलवार शाम करीब 6 बजे महराजगंज जिला कारागार से रिहा कर दिया गया। लगभग 33 महीनों की लंबी कैद के बाद बाहर निकलते ही उन्होंने अपनी पत्नी और मौजूदा विधायक नसीम सोलंकी, बेटों और सास खुर्शीद बेगम को गले लगाकर भावुक क्षण साझा किया।
जेल के बाहर उनकी रिहाई की खबर सुनते ही सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भारी जमावड़ा लग गया। ढोल-नगाड़ों और नारों के बीच उनका भव्य स्वागत किया गया। सपा नेताओं ने इसे पार्टी की जीत और न्याय की बहाली बताया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामले में इरफान सोलंकी को जमानत दी थी। जेल प्रशासन के अनुसार, उन्हें 22 दिसंबर 2022 को कानपुर जेल से प्रशासनिक कारणों के चलते महराजगंज जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था और तभी से वे वहीं कैद में थे। उन पर कुल 10 मामले दर्ज थे।
इससे पहले सोमवार को उनके भाई रिजवान सोलंकी कानपुर जेल से रिहा हुए थे, लेकिन इरफान की रिहाई तकनीकी कारणों से अटक गई थी। बाद में सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मंगलवार को उन्हें रिहा किया गया।
गौरतलब है कि दिसंबर 2022 से जेल में बंद इरफान सोलंकी की गैरमौजूदगी में उपचुनाव हुआ था, जिसमें उनकी पत्नी नसीम सोलंकी ने जीत हासिल की और विधायक बनीं। हाल ही में सपा के एक और वरिष्ठ नेता आजम खान भी करीब दो साल की कैद के बाद सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए थे।
सपा जिला अध्यक्ष विद्यासागर यादव ने इरफान की रिहाई पर कहा कि बीजेपी सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध में सपा नेताओं को फंसाकर जेल भेजा था, लेकिन अदालत ने सच्चाई का साथ दिया। वहीं, जेल अधीक्षक वीके गौतम ने बताया कि सभी वैधानिक प्रक्रियाओं के बाद ही रिहाई सुनिश्चित की गई और सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जेल परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।