देश के लिए लड़े, अब घर के लिए लड़ रहे हैं! रिटायर्ड फौजी की फरियाद पर भी रेलवे खामोश

डोंगरगढ़ : सालों तक देश की सेवा के बाद रिटायर हुए एक फौजी की कहानी जो लगातार बीते कुछ महीनों से रेलवे प्रशासन के द्वारा खुद प्रताड़ित महसूस कर रहा है….उसने विभाग के जिम्मेदारों से न्याय की गुहार भी लगाई बावजूद इसके उसे अब तक केवल मायूसी ही हाथ लगी है….

 

पूरा मामला राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बोरतलाव निवासी एक रिटायर्ड फौजी के घर से जुड़ा है…. देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की परवाह ना करते हुए सीमा पर तैनात रह कर अपनी सेवा दे चुके 75 वर्षीय रिटायर्ड फौजी केवल राम पसीने जिन्होंने देश की रक्षा के लिए सन 1970 में भारतीय सेना में गए और बिना जान की परवाह करते हुए 1992 तक सेना में सेवा दी.

 

पसीने ने जीवन भर की कमाई से ग्राम बोरतलाव जो की नक्सल प्रभावित क्षेत्र के साथ महाराष्ट्र सीमा से लगा हुआ है, मकान बनाया और अपने परिवार के साथ रहने लगे…. वही कुछ महीनों पहले रेलवे प्रशासन इनके घर के पीछे अंडर ब्रीज निर्माण का काम चालू किया…. अंडर ब्रीज निर्माण के लिए पहले तो इनके घर का बाउंड्री वॉल को रेलवे की जमीन बता कर तोड़ दिया गया उसके बाद काफ़ी लम्बा और गहरा गड्ढा भी खोद दिया गया.

 

इस गड्ढे को बन्द करने को लेकर रिटायर्ड फौजी केवल राम निर्माण करने वाले ठेकेदार सहित रेलवे के आला अधिकारी से मिल कर विनती कर चुके हैं लेकिन आज तक इनकी बातों का कोई भी असर देखने को नहीं मिला है…. रिटायर्ड फौजी केवल राम रेलवे प्रशासन को अपना दिल बड़ा कर यह भी कह दिया है की मेरी बाउंड्री टूटी उसका कोई मुआवजा नहीं दिए कोई बात नहीं लेकिन गढ्ढे को तो बन्द कर दिया जाए ये गड्ढा आस पास के निवासियों के लिए कभी भी मौत का कारण बन सकता है.

 

केवल राम का कहना है की मेरे घर पर छोटे छोटे बच्चे हैं गांव में भी बच्चे हैं जो खेलते हुए गड्ढे में गिर सकते हैं जानवर भी इस जगह पर सुरक्षित नहीं हैं…. जिसकी जानकारी लगातार रेलवे के आला कमान को देते आ रहे है सामने बारिश का मौसम भी शुरू होने को है ऐसे में गढ्ढे में पानी भी भरेगा पानी भरने से इनके घर का की नींव भी खराब हो सकता है…. रेलवे प्रशासन को इन सबकी जानकारी मिलने के बाद भी चुप्पी साध बैठे हैं मानो कोई बड़ी घटना की राह देख रहे हो.

 

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