दुर्ग जिले में बेरोजगारों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर करीब 22 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में नेता समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने खाद निरीक्षक, पर्यवेक्षक और चपरासी जैसे पदों पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवाओं से लाखों रुपए वसूले।
जानकारी के मुताबिक, पुलगांव थाना क्षेत्र में रहने वाले मनोज साहू ने अपने साथी मुकेश वर्मा और भांजे रजत वर्मा के साथ मिलकर बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके लिए उन्होंने व्हाटसऐप पर फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेजे, जिनमें ज्वाइनिंग डेट बार-बार बदल दी जाती थी। युवाओं से राशि नकद और ऑनलाइन माध्यम से ली जाती थी।
महमरा के दीपेश कुमार निषाद ने बताया कि उन्हें खाद निरीक्षक के पद पर नौकरी देने का झांसा दिया गया। आरोपियों ने 4 लाख रुपए मांगे, जिसमें से 2 लाख रुपए दीपेश ने अग्रिम भुगतान किए। बाद में उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र भेजा गया, लेकिन नौकरी नहीं मिली। जब आरोपियों ने पैसा वापस नहीं किया, तो दीपेश ने शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने जांच में पाया कि पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड मनोज साहू था। वह युवाओं को लालच देता और फर्जी दस्तावेज बनवाकर भेजता था। नेता मुकेश वर्मा और भांजा रजत वर्मा अपनी पहुंच दिखाते थे। फर्जी नियुक्ति पत्र सेक्टर-6 के ए मार्केट स्थित टाइपिंग सेंटर में तैयार किए जाते थे, जिसे महेश हिराव टाइप करता था।
पुलिस ने अब तक आठ से अधिक पीड़ितों से 22 लाख रुपए की वसूली होने की पुष्टि की है। आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और अन्य साक्ष्य जब्त किए गए हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपी इस प्रकार हैं: मनोज कुमार साहू (40), अंजोरा, पुलगांव दुर्ग; रजत वर्मा (25), भिलाई नगर; मुकेश वर्मा (53), भिलाई नगर; महेश हिराव (63), हरिनगर, मोहन नगर।
पुलिस ने कहा कि किसी भी नियुक्ति प्रक्रिया में पैसे की मांग पूरी तरह अवैध है और ऐसे मामलों में तुरंत शिकायत दर्ज करवाई जानी चाहिए। युवाओं से अपील की गई है कि नौकरी के नाम पर किसी भी लालच में न आएं और किसी भी प्रकार के फर्जी दस्तावेज पर भरोसा न करें।