बिलासपुर जोन के झारसुगड़ा-नागपुर तक बिछाई जाएगी चौथी लाइन:234 करोड़ की लागत से 10.34KM ट्रैक बिछेगा, रेलवे पार्ट-पार्ट में प्रोजेक्ट को दे रहा मंजूरी

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन में हावड़ा-मुंबई रूट पर झारसुगड़ा से लेकर नागपुर तक चौथी लाइन बिछाने की योजना है। इसमें बिलासपुर से झारसुगड़ा के बाद अब बिलासपुर से दाधापारा और दगोरी से निपनिया के बीच 234.27 करोड़ की लागत से 10.34 किमी की चौथी लाइन बिछाई जाएगी।

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रेलवे बोर्ड ने इन दोनों प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस काम के बाद रायपुर से आने वाली ट्रेनों को दोनों सेक्शन में खड़ी नहीं रहनी पड़ेंगी। साथ ही ट्रेनों की स्पीड में और इजाफा हो सकेगा। बता दें कि, झारसुगुड़ा से बिलासपुर तक चौथी लाइन का काम लगभग पूर्णता की ओर है। यह लाइन नागपुर तक बिछाई जानी है।

प्रोजेक्ट में बिलासपुर से रायपुर के बीच 148 किमी चौथी लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए रेलवे बोर्ड से 63 किमी की मंजूरी मिल चुकी है। वहीं 80 किमी की मंजूरी अभी प्रक्रियाधीन है। बोर्ड ने इसी सप्ताह बिलासपुर से दाधापारा और दगोरी से निपनिया के बीच चौथी लाइन मंजूर की है। रेलवे पार्ट-पार्ट में इस पूरे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे रहा है।

3.48 KM लाइन बिछाने में खर्च होंगे 60.94 करोड़

बिलासपुर से दाधापारा के बीच 3.48 किलोमीटर चौथी लाइन पर 60.94 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं दगोरी से निपनिया के बीच 6.86 किलोमीटर चौथी लाइन 173.33 करोड़ की लागत से बिछाई जाएगी। दोनों काम एक साथ चलेंगे।

बिलासपुर-नागपुर ए ग्रेड रूट में हो चुका है शामिल

बिलासपुर-नागपुर तीसरी लाइन बनने और लाइन अपग्रेडेशन के बाद ए ग्रेड रूट में शामिल हो चुका है। इस बीच चलने वाली सभी एलएचबी कोच वाली 40 जोड़ी ट्रेनों को 130 की स्पीड तक चलाने की अनुमति भी है। चौथी लाइन बनने से एक सेपरेट लाइन गुड्स ट्रेनों के लिए होगी। यात्री ट्रेनों के लिए तीन लाइनें मिलेंगी। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी और यात्रा में लगने वाला समय बचेगा।

यात्रियों को 3 साल बाद मिलेगा फायदा

रेलवे मल्टीपल काम एक साथ कर रही है। झाड़सुगुड़ा से नागपुर तक चौथी लाइन बिछाई जानी है। इसके लिए पार्ट-पार्ट में स्वीकृति मिल रही है। दाधापारा से बिलासपुर और दगोरी से निपनिया के बीच यह प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका फायदा लोगों को तीन साल बाद मिलेगा।

परिचालन दक्षता में होगा इजाफा

चौथी लाइन परियोजनाओं का प्रमुख उद्देश्य वर्तमान रेल मार्गों पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करना और ट्रेन संचालन को अधिक कुशल बनाना है। इन नए रूट्स के जुड़ने से ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा, संचालन में लचीलापन आएगा।

रेलवे नेटवर्क की वहन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। विशेष रूप से हावड़ा-मुंबई जैसे हाई-डेंसिटी रूट पर ट्रेनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित होगी, जिससे यात्रियों को ज्यादा सहज यात्रा अनुभव मिलेगा।

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