बलरामपुर सहकारी बैंक में फर्जीवाड़ा, 26 करोड़ से अधिक का गबन, 11 आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर: जिले के कुसमी और शंकरगढ़ सहकारी बैंक में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों पर गबन का आरोप है. आपसी मिलीभगत से कूटरचना और षड्यंत्र कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी बैंक अकाउंट खोले गए. फिर करोड़ों की रकम ट्रांसफर कर गबन और वित्तीय अनियमितता की गई. इस मामले में शामिल ग्यारह अधिकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है.

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साल 2013 से शुरू हुआ घपला: बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ कुसमी में संचालित सहकारी बैंक शाखा में साल 2013 से 2022 के बीच 26 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय अनियमितता सामने आई. पुलिस ने सहायक मुख्य प्रवेक्षक अशोक सोनी, संस्था प्रबंधक लक्ष्मण प्रसाद देवांगन, संस्था प्रबंधक शंकरगढ़ विजय उइके, प्रभारी लिपिक तबारक अली को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा प्रभारी अतिरिक्त प्रबंधक अंबिकापुर राजेंद्र पांडेय, समिति सेवक शंकरगढ़ सुदेश यादव, सहायक मुख्य पर्यवेक्षक एतबल सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर कुसमी प्रकाश कुमार सिंह, सहायक लेखापाल जगदीश भगत, शाखा प्रबंधक कुसमी सबल राय, वरिष्ठ पर्यवेक्षक विकास चंद्र पांडवी, समेत ग्यारह आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

26 करोड़ से ज्यादा का गबन: इस पूरे मामले में जांच के दौरान विभिन्न किसानों के डीएमआर कैश अकाउंट विभिन्न ग्राम पंचायतों के खाते समितियों के केसीसी अकाउंट एमटी लोन एवं गोडाउन लोन, निजी बचत खाते और नगद आहरण पाया गया. इस मामले में 26 करोड़ 74 लाख रुपए से अधिक रकम का गबन किया गया था.

बलरामपुर एसपी ने क्या कहा ?: बलरामपुर जिले के पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने बताया कि इस मामले में फर्जी वाउचर बनाना,अन्य व्यक्तियों के सिग्नेचर से वाउचर बनाना पाया गया. इसके बाद तत्काल एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें 409, 420, 467, 468, 471,120B और 34 के तहत केस दर्ज किया गया और टीम गठित कर सभी आरोपियों को चौबीस घंटे के अंदर हिरासत में ले लिया गया.

मामले की जांच जारी: बलरामपुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले की जांच अभी जारी है. जांच में आगे जो भी तथ्य और संदिग्ध सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे कार्यवाही की जाएगी. अन्य बैंक अकाउंट की भी जांच की जा रही है.

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