DRDO में नौकरी के नाम पर ठगी, फर्जी ऑफिस में कराते थे 3 महीने की ट्रेनिंग! CBI ने की बड़ी कार्रवाई

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक बड़े फर्जी भर्ती घोटाले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि ये लोग बेरोजगार युवाओं को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल रहे थे.

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कैसे होता था फर्जीवाड़ा?

सीबीआई की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह चपरासी, क्लीनर, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) और लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) जैसे पदों पर नौकरी का लालच देता था. उम्मीदवारों से 5 लाख से 10 लाख रुपये तक वसूले जाते थे.

मेडिकल परीक्षण के लिए भी बुलाया जाता था

रकम जमा कराने के बाद, उम्मीदवारों को ईमेल के जरिए मेडिकल परीक्षण के लिए बुलाया जाता था. यह मेडिकल टेस्ट एक फर्जी DRDO केंद्र में करवाया जाता था, जो दिल्ली में स्थित था.

फर्जी कार्यालय में तीन महीनों की होती थी ट्रेनिंग

इसके बाद, उम्मीदवारों को फर्जी नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) थमा दिया जाता था और जयपुर में DRDO के नाम से चलाए जा रहे एक फर्जी कार्यालय में तीन महीने की ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था. इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद, सीबीआई ने कार्रवाई तेज कर दी है. एजेंसी ने जयपुर में दो और दिल्ली में एक ठिकाने पर छापेमारी की है.

भर्ती घोटालों का इतिहास

यह कोई पहली बार नहीं है जब बेरोजगार युवाओं को फर्जी नौकरियों का झांसा देकर ठगा गया हो. इससे पहले भी सरकारी संस्थाओं के नाम पर फर्जी भर्तियों के कई मामले सामने आ चुके हैं. 2023 में दिल्ली पुलिस ने रेलवे में भर्ती दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले एक गिरोह को पकड़ा था. ऐसे मामलों में आरोपी बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाते हैं और उन्हें नकली दस्तावेज देकर धोखा देते हैं.

आगे क्या होगा?

सीबीआई मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं. साथ ही, यह भी जांच हो रही है कि क्या इसमें किसी सरकारी अधिकारी की मिलीभगत थी. सीबीआई ने जनता से अपील की है कि सरकारी नौकरियों से जुड़ी किसी भी सूचना को आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी दफ्तरों से ही सत्यापित करें, ताकि ऐसे फर्जीवाड़े का शिकार न बनें.

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