जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. क्राइम ब्रांच ने बताया कि धोखाधड़ी के तीन अलग-अलग मामले सामने आए हैं. इन तीनों मामलों से जुड़े तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. ठगी की कुल रकम करीब 1.50 करोड़ रुपए है. पुलिस ने लोगों को ऐसे मामलों में सावधानी बरतने की अपील की है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बेनाम तोश ने बताया कि डोडा जिले के सुंगली गांव के रहने वाले अजय कुमार के खिलाफ जालसाली का केस दर्ज किया गया है. आरोपी ने खुद को सचिवालय अधिकारी बताकर सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले छह युवाओं से 1.06 करोड़ रुपए ठग लिए. लोगों का भरोसा जीतने के लिए वो अपने सरकारी संपर्कों का हवाला दिया करता था.
पीड़ितों की दो लिखित शिकायतों के आधार पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अजय एक कुख्यात धोखेबाज है. उसके खिलाफ लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं. दूसरा मामला जम्मू के लोअर गढ़ी गढ़ इलाके से जुड़ा है. यहां के निलंबित सरकारी स्कूल शिक्षक जमील अंजुम के खिलाफ नौ शिकायतकर्ताओं की एक संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है.
अंजुम पहले से ही एक अन्य मामले में जेल में है. पुलिस के अनुसार, उसने सरकारी नौकरी का झूठा वादा करके इन नौ लोगों से कुल 39 लाख रुपए की ठगी की थी. हैरानी की बात यह है कि उसके खिलाफ दर्ज 11वीं प्राथमिकी है. वो खुद को किसी वरिष्ठ अधिकारी का निजी सहायक बताकर लोगों को भ्रमित करता था. पुलिस के पास उसके खिलाफ और भी शिकायतें आ रही हैं.
एसएसपी ने बताया कि तीसरा मामला रामबन जिले के चंदरकोट क्षेत्र से सामने आया है. यहां के रहने वाले दो आरोपी, इफ्तिखार अली और नजीर अली, पर भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है. उनके खिलाफ प्राथमिकी मोहम्मद तकी नामक व्यक्ति की लिखित शिकायत पर दर्ज की गई है. इसमें आरोप है कि उन्होंने उसे सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर आर्थिक रूप से ठगा.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाले कुख्यात लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. लेकिन युवाओं, उनके माता-पिता और अभिभावकों को भी सतर्क और सजग रहने की जरूरत है. ऐसे जालसाज पहले विश्वास जीतते हैं, फिर लाखों रुपए लेकर गायब हो जाते हैं. यह संगठित ठगी है, जो बेरोजगारी की जमीन पर पनप रही है.