जिले के दल्लीराजहरा में शेयर ट्रेडिंग में अधिक मुनाफा दिलाने का झांसा देकर एक बीएसपी इंजीनियर से 35 लाख 86 हजार रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के तीन आरोपितों को बालोद पुलिस ने राजस्थान के झुंझुनूं जिले से गिरफ्तार किया है। इस साइबर ठगी के मामले में दल्लीराजहरा थाना और साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई थी। आरोपितों के पास से तीन लाख रुपये नगद, छह मोबाइल फोन, आइडीबीआइ, केनरा और एचडीएफसी बैंक की चेकबुक भी बरामद की गई है।
यह कार्रवाई पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग के निर्देशन और बालोद पुलिस अधीक्षक योगेश कुमार पटेल के मार्गदर्शन में की गई। टीम ने झुंझुनूं में कैंप कर स्थानीय सूत्रों और पुलिस की मदद से आरोपितों की पहचान कर उन्हें पकड़ा।पुलिस के अनुसार थाना राजहरा में 17 जुलाई को बीएसपी में कार्यरत इंजीनियर प्रज्जवल मिलिंद बोरकर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें शेयर ट्रेडिंग के एक ग्रुप में शामिल कर 28 मई से 30 जून तक अलग-अलग किस्तों में यूपीआई और आरटीजीएस के माध्यम से कुल 35.86 लाख रुपये बैंक खातों में जमा कराए गए।
इसके बदले मुनाफा देने का वादा किया गया, पर बाद में संपर्क टूट गया। पुलिस ने इस शिकायत पर थाना राजहरा में अपराध क्रमांक 232/25 धारा 317(4), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम बनाकर बैंक खातों, शेयर ट्रेडिंग ऐप और तकनीकी डेटा की जांच की गई। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद टीम को झुंझुनूं भेजा गया। पुलिस ने रामनिवास मुंड, पिता महावीर प्रसाद, उम्र 36 वर्ष, ग्राम खुदास, थाना गोठड़ा, जिला झुंझुनूं, मनीष कुमार, पिता महेश सिंह, उम्र 26 वर्ष, ग्राम कैसेरु, थाना मुकुंदगढ़ और विवेक दतुसेलिया, पिता उमेद सिंह, उम्र 26 वर्ष, ग्राम कैसेरु, थाना मुकुंदगढ़ को विधिवत गिरफ्तार कर बालोद लाया गया है
साइबर ठगी से बचने पुलिस की अपील
पुलिस आमजन से साइबर अपराधों से सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस ने कहा है कि आनलाइन निवेश, शेयर ट्रेडिंग, मुनाफे का लालच या किसी अनजान लिंक, काल या ऐप पर भरोसा न करें। बिना जांचे-परखे किसी को पैसे न भेजें, खासकर जब वे अधिक रिटर्न का वादा करें। इसके साथ ही अनजान लिंक पर क्लिक न करें, फर्जी ट्रेडिंग ऐप या वेबसाइट से सावधान रहें, बैंक खातों की जानकारी, ओटीपी या पासवर्ड किसी से साझा न करें, इंटरनेट मीडिया व वाट्सएप पर फैल रहे निवेश ग्रुप से दूरी बनाए रखें और कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो नजदीकी थाने या साइबर सेल में तुरंत शिकायत करें