उमरिया: सोचिए, अगर आपके पास अचानक एक फोन कॉल आए और कोई कहे कि आपकी गाड़ी की किस्त बाकी है, वरना कार्रवाई हो सकती है—आप क्या करेंगे? कुछ ऐसा ही हुआ उमरिया जिले के ग्राम पिनौरा निवासी विसम साहू के साथ.
विसम साहू को एक अंजान नंबर से फोन आया, और कॉलर ने आत्मविश्वास के साथ कहा कि उनकी गाड़ी की एक किस्त बाकी है, जिसे तुरंत जमा करना होगा. संयोग से, वास्तव में उनकी एक किस्त बाकी थी, इसलिए उन्हें कॉलर की बात पर भरोसा हो गया. बिना देर किए, उन्होंने बताए गए निर्देशों का पालन किया, लेकिन जैसे ही उनके खाते से ₹10,000 कटे, उन्हें अहसास हुआ—“ये तो धोखाधड़ी हो गई!”
समझदारी और जागरूकता ने बचाया नुकसान
लेकिन गनीमत रही कि विसम साहू घबराए नहीं. उन्होंने तुरंत थाना नौरोजाबाद की मदद ली और नेशनल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई. साइबर टीम ने फुर्ती से कार्रवाई करते हुए उनके साथ ठगे गए पूरे ₹10,000 को वापस उनके खाते में पहुंचा दिया.
पुलिस और साइबर टीम की त्वरित कार्रवाई ने बचाई मेहनत की कमाई
इस घटना ने साबित कर दिया कि अगर समय रहते सतर्कता और सही कदम उठाए जाएं, तो साइबर ठगों को हराया जा सकता है. थाना नौरोजाबाद की पुलिस और साइबर टीम ने मिलकर न केवल एक नागरिक को आर्थिक नुकसान से बचाया बल्कि इस सफलता से आम जनता को भी एक बड़ा सबक दिया
“अगर साइबर ठगी का शिकार हो जाएं, तो घबराएं नहीं, तुरंत 1930 पर कॉल करें!”
सतर्क रहें, जागरूक बनें
उमरिया पुलिस लगातार ग्रामीण इलाकों में जाकर जनसंवाद कर रही है, ताकि लोग अंजान फोन कॉल्स और ऑनलाइन ठगी से सतर्क रहें. याद रखें, एक छोटी-सी लापरवाही आपकी जमापूंजी छीन सकती है, लेकिन थोड़ी-सी जागरूकता आपको ठगों के जाल से बचा सकती है.