म्यूल अकाउंट से ठगों ने किया 1.30 करोड़ का लेनदेन:पैसों के लालच में किराए पर दिए खाते, बिलासपुर में बैंककर्मी समेत 8 गिरफ्तार

बिलासपुर में म्यूल बैंक अकाउंट खोल कर साइबर ठगों से मिलीभगत का मामला सामने आया है। उनके अकाउंट से ठगों ने कुछ महीनों में ही 1 करोड़ 30 लाख रुपए का लेनदेन किया है। जांच के बाद पुलिस ने साइबर ठगों को म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने वालों पर कार्रवाई की है।

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पकड़े सभी 7 आरोपियों ने 5 से 10 हजार रुपए के लालच में अपना खाता ठगों को किराए पर दे रखा था। इसमें एक बैंककर्मी की भी शामिल था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

एक करोड़ 30 लाख 50 हजार 636 का लेनदेन

साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्टेड म्यूल बैंक अकाउंट की पुलिस लगातार जांच कर रही है। इस दौरान साइबर एक्सपर्ट ने एक-एक कर खातों में हुए लेनदेन के डिटेल खंगाले। जांच में इस बार एक्सपर्ट को 8 ऐसे खाते मिले, जिनमें बहुत कम समय में एक करोड़ 30 लाख 50 हजार 636 रुपए का लेनदेन हुआ था।

 

इन संदिग्ध खाता धारकों के नाम, पता निकाले गए। इसके बाद शुक्रवार को दबिश देकर सभी को पकड़ कर साइबर रेंज थाने लाया गया।

 

लालच में आकर की साइबर ठगों की मदद

 

पूछताछ में पता चला कि किसी ने लालच में अपना खाता में किराए पर दिया तो किसी ने जानबूझकर ठगों की मदद की। इनमें एक बैंककर्मी और उसका भाई भी पकड़ा गया है। जो खुद के खाते किराए पर देकर दूसरों के खाते भी साइबर ठगी के लिए अरेंज करते थे। पुलिस ने सभी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत जुर्म दर्ज किया है।

 

अकाउंट डिटेल खंगाल कर सहयोगियों तक पहुंची पुलिस

 

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईजी डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देश पर एसएसपी रजनेश सिंह ने रेंज साइबर प्रभारी निमितेश सिंह को म्यूल खातों की जांच के लिए कहा था। उन्होंने साइबर एक्सपर्ट की मदद से नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर संदिग्ध खातों को चिह्नित किया।

 

जिसके बाद खातों के बैंक डिटेल आदि की जांच की गई। इसके बाद ठगी के शिकार हुए पीड़ित परिवारों से पूछताछ की गई। पूरी जांच के बाद बैंक अकाउंट खुलवाने, डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग, फर्जी एप, क्रिप्टो करेंसी, टेलीग्राम, बैंक केवाईसी जैसे कई मामले में आरोपियों के खातों से लेनदेन करने की पुष्टि हुई।

 

गिरोह का जल्द हो सकता है खुलासा

 

पकड़े गए आरोपियों से नए खाता खुलवा कर खाता किराए पर लेने वालों की तलाश पुलिस कर रही है। ठगी के बाद आरोपियों के खाते में रकम जमा कराने वाले कुछ साइबर ठगों के सुराग पुलिस को मिले हैं। आरोपियों की तलाश में टीम भी रवाना हो गई है। जल्द ही पुलिस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी कर बड़ा खुलासा कर सकती है।

 

आरोपियों ने 5 से 10 हजार के लालच में किराए पर दिया बैंक अकाउंट

 

आदर्श नगर सिरगिट्टी निवासी नागेश्वर ठाकुर (25) बैंक कर्मी का सगा भाई है। जो अपने भाई के साथ मिलकर म्यूल अकाउंट की व्यवस्था करता था। अपना खाता इसने किराए पर दिया था।

आदर्श नगर सिरगिट्टी निवासी करन सिंह (33) नागेश्वर का भाई है। पूर्व में एयू स्मॉल फाइनेंस समेत कई बैंकों में काम कर चुका है। इसने नए एकाउंट खुलवाने के साथ अपना खाता भी किराए पर दिया था।

हिर्री माइंस चकरभाठा निवासी परमेश्वर जायसवाल (21) ने साइबर ठगों के हर माह मिलने वाली स्कीम के लालच में आकर अपना खाता किराए पर दिया। साथ ही दूसरों को भी इससे जोड़ा।

तालापारा बजरंग चौक ख्वाजा नगर निवासी अब्दूला आदिल (21) ने 5 हजार रुपए प्रति माह की दर पर अपना खाता किराए पर दिया था।

आरके रेसीडेंसी तिफरा निवासी संदीप श्रीवास (30) ने भी अपना खाता ठगों को किराए पर उपलब्ध कराया था।

वार्ड नंबर 5 रतनपुर निवासी विकास केंवट (31) ने ठगों से हर महीने मोटी रकम मिलने के लालच में अकाउंट किराए पर दिया था।

महामायापारा वार्ड नंबर 3 निवासी समीर कश्यप (31) के खाते में ठग हर माह रुपए भेजते थे।

सोनारपारा वार्ड नंबर 4 रतनपुर निवासी कलेश कुमार धीवर (28) ने भी किराए पर अपना खाता साइबर ठगों को दिया था।

पुलिस की अपील, अनजान लेनदेन से बचें

मनी म्यूल के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस ने लोगों को अनजान स्रोतों से रुपए लेने से बचने की अपील की है। यदि आपके बैंक खाते में ठगी की रकम जमा हुई है या हो रही है तो आप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लग सकते हैं।

ऐसे लोगों के बैंक खाते और संपत्तियों को पुलिस जब्त करती है। इतना ही नहीं धारा 3(5) बीएनएस के तहत वह व्यक्ति ठगी के अपराध के लिए मुख्य अपराधी जितना ही जिम्मेदार माना जाता है।

 

 

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