सरकार ने एयर इंडिया विमान हादसे में मृतकों की पार्थिव शरीर को घर तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था की है. टीवी9 को मिली जानकारी के मुताबिक पीड़ितों को पार्थिव शरीर सौंपने के संबंध में एक गाइडलाइन जारी की गई है. सरकार ने सड़क मार्ग से जाने वाले शवों के लिए निशुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था की है. इसके लिए पीड़ित परिवार की ओर से कोई भुगतान नहीं करना होगा. शव को लेने पहुंचने वाले रिश्तेदारों को अपने और मृतक के पहचान संबंधी दस्तावेज साथ लाने होंगे.
सिविल अस्पताल कानूनी दस्तावेजों की पूरी फाइल तैयार करेगा जिसमें पोस्टमार्टम (पीएम) रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण शामिल रहेंगे. इसके बाद शव हैंडओवर किया जाएगा. एयर इंडिया शवों को हवाई मार्ग से ले जाने में पीड़ित परिवार की पूरी मदद करेगा. इसके लिए पीड़ित परिवार को समय रहते एयर इंडिया को सूचना देनी होगी ताकि पार्थिव शरीर के परिवहन की पूरी व्यवस्था की जा सके.
अस्पताल की ओर से किए जाएंगे फोन
शवों की डिटेल डीएनए प्रोफाइलिंग होने के बाद सिविल अस्पताल की ओर से मृतकों के परिवार वाले या फिर रिश्तेदार, जिन्होंने भी अपने डीएनए सैंपल उपलब्ध कराए हैं उनके मोबाइल पर अस्पताल की ओर से संपर्क किया जाएगा. इस फोन कॉल में अस्पताल की ओर से यह भी बताया जाएगा कि शव लेने के लिए कब, कहां और कितने बजे आना है.
इन नंबरों से आएंगे फोन
पीड़ित परिवारों से अस्पताल प्रबंधन अपने आधिकारिक नंबर 9429915911, 9429916096, 9429916118, 9429916378, 9429916608, 9429916622, 9429916682, 9429916758, 9429916771, 9429916875 से संपर्क करेगा. यह नंबर इसलिए जारी किया गया है कि ताकि पीड़ित परिवारों में किसी भी प्रकार का कोई भ्रम न रहे.
इन लोगों को सौंपा जाएगा शव
अस्पताल ने प्रारंभिक तौर पर यह तय किया है कि जिस व्यक्ति ने अपना डीएनए सैंपल दिया है उस व्यक्ति को शव सौंपा जाए लेकिन अगर यह संभव नहीं है तो उसके परिवार का कोई करीबी रिश्तेदार हो सकता है. इसके लिए जरूरी है कि पूरी तरह से डॉक्यूमेंट साथ लेकर जाना होगा. अस्पताल में डॉक्यूमेंट की जांच होने के बाद ही शव हैंडओवर किया जाएगा.
शव लेने वाले व्यक्ति को दिखाने होंगे ये दस्तावेज
व्यक्ति का आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी स्वीकृत फोटो पहचान पत्र (मूल).
मृतक का आधार, पासपोर्ट या वोटर आईडी (मूल या एक प्रति).
मृतक से उनके संबंध को साबित करने वाला एक दस्तावेज.
डीएनए सैंपल जमा करने के दौरान रजिस्टर किया गया फोन नंबर.
यदि कोई करीबी रिश्तेदार व्यक्तिगत रूप से आने में असमर्थ है और इसके बजाय किसी और को शव लेने के लिए अधिकृत करता है, तो उन्हें अपने दस्तावेजों के साथ एक उचित प्राधिकरण पत्र प्रदान करना होगा.
अस्पताल की ओर से मिलने वाले डॉक्यूमेंट्स
अस्पताल मृतक के रिश्तेदारों के लिए एक फाइल तैयार करेगा, जिसमें पोस्टमार्टम (पीएम) रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य सभी आवश्यक कानूनी दस्तावेज शामिल होंगे. ये सभी दस्तावेज शव लेने वाले या फिर पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे.
रिश्तेदारों को प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन के साथ सिविल अस्पताल आना चाहिए और सिविल अस्पताल के d2 ब्लॉक में बने नियंत्रण कक्ष में व्यक्तिगत रूप से उन्हें रिपोर्ट करना होगा. यदि उन्हें वहां पहुंचने में कोई परेशानी हो रही है तो जिस नंबर से उनके पास फोन आया है उस नंबर पर कॉल करके वह आसानी से पहुंच सकते हैं.