उत्तराखंड सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नैनीताल जिले में एक अनोखी पहल शुरू की है। परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के युवाओं को 21 दिन का मुफ्त ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रतिभागियों को प्रतिदिन 100 रुपये मानदेय भी मिलेगा, जिससे उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी और प्रशिक्षण के दौरान जीवनयापन में सहूलियत होगी।
योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को आधुनिक परिवहन व्यवस्था से परिचित कराना और रोजगार के योग्य बनाना है। प्रशिक्षण पूरी तरह से मुफ्त होगा और सफल प्रतिभागियों को मान्यता प्राप्त ड्राइविंग लाइसेंस भी प्रदान किया जाएगा। इससे युवाओं को निजी या सरकारी क्षेत्रों में नौकरी पाने या स्वरोजगार के अवसरों में मदद मिलेगी।
योजना में शामिल होने के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों से पात्र उम्मीदवारों के नाम आमंत्रित किए जा रहे हैं। चयनित प्रतिभागियों को पहले लर्निंग लाइसेंस बनवाया जाएगा, इसके बाद उन्हें परिवहन विभाग के ड्राइविंग स्कूल में 21 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को प्रतिदिन 100 रुपये का आर्थिक मानदेय दिया जाएगा, जिससे वे अपनी पढ़ाई या घर के खर्चों में मदद ले सकेंगे।
परिवहन विभाग के एआरटीओ (प्रवर्तन) जितेंद्र सागवान ने बताया कि इस पहल के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि युवाओं को रोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। साथ ही, प्रशिक्षण के दौरान उन्हें ड्राइविंग के व्यावहारिक ज्ञान और आधुनिक परिवहन प्रबंधन की जानकारी भी मिलेगी।
योजना से युवाओं के कौशल विकास के साथ-साथ उनके रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह पहल न केवल उन्हें रोजगार की दिशा में तैयार करेगी, बल्कि उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास भी प्रदान करेगी। युवाओं को इस योजना में भाग लेने का मौका मिलता है, जिससे वे न केवल नई तकनीक सीखेंगे बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त होंगे।
इस प्रकार नैनीताल की यह मुफ्त ड्राइविंग प्रशिक्षण योजना युवाओं के कौशल विकास और रोजगार सृजन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।