खातूनों को ड्राइविंग की आजादी, डिप्लोमैट को पीने की आजादी… मुल्क को मॉर्डन बनाने के लिए क्राउन प्रिंस सलमान के 5 क्रांति वाले कदम

सऊदी एक ऐसा देश जो लंबे समय तक अपनी रूढ़िवादी परंपराओं और सख्त इस्लामी नियमों के लिए जाना जाता था. कुछ ही दिन पहले यहां से एक ऐसी खबर आई जिसने इस इस्लामिक मुल्क में क्रांतिकारी बदलाव का संकेत दिया. रिपोर्ट ये थी कि सऊदी अरब अपने चुनिंदा स्थानों शराब की बिक्री की इजाजत देगा. गौरतलब है कि इस देश में पिछले 73 सालों से शराब पीने पर रोक है.

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लेकिन ये खबर कि सऊदी अरब 2034 के वर्ल्ड कप से पहले अपने 600 टूरिस्ट प्वाइंट पर लोगों को शराब पीने की इजाजत दे रहा है, लोगों को हैरान कर गई. सऊदी अरब समेत पूरे गल्फ देशों में इस रिपोर्ट ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. गौरतलब है कि सऊदी के शासक को मक्का और मदीना में स्थित दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक की उपाधि भी प्राप्त है.

बता दें कि इस्लाम में शराब का सेवन मजहबी मान्यताओं के विरुद्ध माना जाता है. इसलिए एक इस्लामिक देश में ऐसी अनुमति आश्चर्यजनक थी. जल्द ही इस खबर का खंडन आ गया. गल्फ न्यूज ने रॉयटर्स के हवाले से लिखा है कि सऊदी अधिकारियों ने ऐसी कोई भी परमिशन देने से इनकार किया है.

सऊदी सरकार ने शराब बेचने की इजाजत देने से इस वक्त भले ही इनकार किया हो. लेकिन सऊदी के शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने देश की अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और सऊदी इकोनॉमी को तेल पर कम निर्भर बनाने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत पर्यटकों और अंतरराष्ट्रीय व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए कई प्रतिबंधों में ढील दी है.

अब सऊदी और विदेशी दोनों ही उन गतिविधियों में भाग ले सकते हैं जो कभी खाड़ी देश में अकल्पनीय थीं. जैसे- ठंडे रेगिस्तान में रात को होने वाले नृत्य कार्यक्राम, फैशन शोज या या फिर मॉडलों की रैंप वॉकिंग.

आइए जानते हैं MBS के नाम से दुनिया में चर्चा में रहने वाले क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पांच क्रांति वाले कदम जिसका उद्देश्य सऊदी समाज को आधुनिकता की धारा में ले जाना है.

1. खातूनों को ड्राइविंग की आजादी

सऊदी अरब में महिलाओं के लिए ड्राइविंग एक सपना था, जिसे जून 2018 में हकीकत में बदला गया. प्रिंस सलमान ने महिलाओं पर लगे दशकों पुराने ड्राइविंग प्रतिबंध को हटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया. यह कदम न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था, बल्कि यह भी दर्शाता था कि सऊदी समाज अब पुरानी रूढ़ियों के बंधन तोड़ने को तैयार है.

आज सऊदी की सड़कों पर महिलाएं फर्राटा भरती नजर आतीं हैं. यह बदलाव न केवल खातूनों आजादी का प्रतीक है, बल्कि देश की बदलती छवि को भी दर्शाती हैं. बता दें कि “खातून” मूल रूप से एक उपाधि थी जो राजकुमारियों को दी जाती थी. सऊदी प्रशासन का यह कदम महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ.

महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत मिलने से उन्हें गतिशीलता मिली. अब वे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकती थीं. बीबीसी ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट के हवाले से सितंबर 2023 में बताया था कि सऊदी अरब के वर्क फ़ोर्स यानी वहां की श्रम शक्ति में महिलाएं 36 फ़ीसदी हो गई हैं. क्राउन प्रिंस ने अपने विजन 2030 के तहत वर्क फोर्स में महिलाओं का हिस्सा 30 फीसदी करने का लक्ष्य रखा था. सऊदी ने समय से पहले ही इस टारगेट को हासिल कर लिया है.

2. डिप्लोमैट को पीने की आजादी

कभी अति रुढ़िवादी रहा सऊदी समाज अब धीरे-धीरे अपने समाज को खोल रहा है. हालांकि सऊदी सरकार ने हाल ही में आई शराब पीने की अनुमति देने संबंधी रिपोर्ट को खारिज कर दिया लेकिन इस दिशा में सऊदी ने एक बड़ा कदम उठाया है. सऊदी अरब में पदास्थिपत गैर मुस्लिम राजनयिक अब यहां पर पी सकते हैं.

सऊदी अरब में पहला बार खुल गया है. जनवरी 2024 में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहला सरकारी दुकान खुल गया है. जो इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह देश के लगभग 70 वर्षों के इतिहास में सऊदी अरब में खोला गया पहला बार है. सरकार के इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य देश में शराब के अवैध निर्माण और तस्करी को कम करना है.

हालांकि, सऊदी अरब की सरकार द्वारा अभी भी कई प्रतिबंध लगाए गए हैं. इनमें से एक यह है कि इस स्टोर में कौन प्रवेश कर सकता है. वर्तमान में, केवल गैर-मुस्लिम राजनयिकों को ही शराब खरीदने के लिए इस स्टोर में प्रवेश करने की अनुमति है.

उम्मीद है कि इस दिशा में और भी कदम उठाए जाएंगे. विदेशियों के लिए वीजा जारी करने वाली संस्था saudiavisa.org के अनुसार उम्मीद है कि 2030 तक सऊदी अरब में गैर-मुस्लिम पर्यटकों को शराब पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगेगा. वर्तमान में, सऊदी अरब के होटल अपने मेहमानों के लिए बहुत सारे गैर-अल्कोहल पेय का विकल्प देते हैं.

3. मजहबी पुलिस पर टेढ़ी नजर

सऊदी अरब की धार्मिक पुलिस जिसे मुतावा के नाम से जाना जाता है, कभी समाज पर सख्त निगरानी रखती थी. यह पुलिस ड्रेस कोड, लिंग आधारित अलगाव, और सामाजिक व्यवहार को नियंत्रित करती थी. लेकिन प्रिंस सलमान ने इसकी शक्तियों को सीमित कर दिया. बीबीसी के अनुसार मुतावा को अब गिरफ्तारी का अधिकार नहीं है, और दुकानों को नमाज के समय बंद करने की अनिवार्यता भी हटा दी गई है. यह कदम सामाजिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और रुढ़िवादी छवि को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव है. अब सऊदी नागरिक और पर्यटक अधिक खुले माहौल में जीवन का आनंद ले सकते हैं.

4. मनोरंजन और सांस्कृतिक क्रांति

प्रिंस सलमान ने सऊदी अरब को मनोरंजन और पर्यटन का ग्लोबल हब बनाने का फैसला किया है. सऊदी अरब में पहले सिनेमा, संगीत समारोह, और सांस्कृतिक आयोजन लगभग बंद थे. लेकिन MBS के विजन 2030 के तहत देश में सिनेमाघर खोले गए, अंतरराष्ट्रीय संगीत समारोह आयोजित हुए. 2024 में पॉप आइकन जेनिफर लोपेज और हेल बेरी ने रियाद में अपने परफॉर्मेंस से इस मुल्क की परंपरागत छवि को चुनौती दी. ये प्रोग्राम काफी सफल रहा.

5. आर्थिक विविधीकरण और विजन 2030

प्रिंस सलमान का सबसे महत्वाकांक्षी कदम है विजन 2030, जिसका लक्ष्य सऊदी अरब की तेल-आधारित अर्थव्यवस्था को विविधतापूर्ण बनाना है. इसके तहत, तकनीक, पर्यटन, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश किया जा रहा है.

सऊदी अरब खुद को वर्ल्ड के प्रीमियम प्रॉपर्टी मार्केट का सेंटर बनाना चाहता है. यहां नियोम जैसे मेगा-प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं. जो आवासीय परियोजना को लग्जरी के नजरिये से परिभाषित करते हैं.

क्राउन प्रिंस सलमान के इन फैसलों ने सऊदी अरब को दुनिया की नजरों में एक नए रूप में पेश किया है. जहां इस्लामी परंपराएं अब आधुनिकता के साथ संतुलन बना रही हैं.

 

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