दिल्ली में दोस्ती पंजाब में बैर, केजरीवाल-कांग्रेस का यह कैसा खेल!

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जहां दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में गठबंधन है तो वहीं पंजाब में दोनों ही पार्टी आमने-सामने लड़ रहीं हैं. इन तीनों ही राज्यों में जहां केजरीवाल कांग्रेस और INDI ब्लॉक के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करते हुए नजर आए, तो वहीं कांग्रेस पार्टी पंजाब में आम आदमी पार्टी को नीचा दिखाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस के दिग्गज नेता संदीप दीक्षित ने आम आदमी पार्टी पर जबरदस्त प्रहार किया है. संदीप दीक्षित ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा है कि पंजाब सरकार पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. यहां अराजकता का माहौल है और जब विधानसभा चुनाव होगा उसे वक्त भी पंजाब के लोग आम आदमी पार्टी को सबक सिखाएगी और कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी. इसके साथ ही संदीप दीक्षित ने कहा है कि पंजाब के 13 लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी कहीं रेस में भी नहीं है और कांग्रेस सभी सीटें जीतेगी.

पंजाब में 13 लोकसभा सीटों के लिए अंतिम एवं सातवें चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. पंजाब में लोकसभा की लड़ाई चौतरफा है. आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रही है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराकर आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था और केजरीवाल का लहर ऐसा चला कि खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी अपना सीट हार गए.

संदीप दीक्षित शीला दीक्षित के बेटे हैं और वह दिल्ली से लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं. अन्ना आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा आरोप लगाए थे उनमें से एक संदीप दीक्षित की मां शीला दीक्षित भी थीं. राजनीतिक पंडितों की मानें तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन का विरोध करने वाले नेताओं में से एक संदीप दीक्षित भी थे. वह दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया. लोकसभा चुनाव के दौरान हुए गठबंधन से पहले संदीप दीक्षित लगातार मुखर होकर के अरविंद केजरीवाल और उनके सरकार के नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं.

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