अयोध्या में जब से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर बना है, तब से अब तक तीर्थयात्रियों की संख्या में जरा भी कमी नहीं आई है. इससे पहले उज्जैन में महाकाल लोक और बनारस में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने इन शहरों में पर्यटन और होटल इंडस्ट्री का कायाकल्प किया है. कोविड के दौरान इसी सेक्टर को सबसे ज्यादा मुश्किल भरा दौर देखना पड़ा था, जिसमें अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.
होटल और टूरिज्म सेक्टर में कोविड के दौर की मंदी का असर गायब हो रहा है. उस समय जब इस क्षेत्र में भयानक छंटनी हुई थी, वहीं अब ये रोजगार पैदा करने की मशीन बनता जा रहा है. आने वाले 12 से 18 महीनों में इस सेक्टर में 2 लाख तक रोजगार पैदा होने की संभावना है.
होटल कर रहे अपना विस्तार
हाल फिलहाल में अयोध्या उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा नया टूरिज्म हब बनकर उभरा है. इसलिए यहां पर कई होटल्स ने अपना विस्तार किया है. आईटीसी से लेकर लेमन ट्री और टाटा ग्रुप के ताज होटल तक यहां निवेश कर रहे हैं. ऐसे में यहां होटल ऑपरेशंस के जॉब्स बढ़ने की पूरी संभावना है. ये हाल सिर्फ अयोध्या का ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग पॉकेट्स का है.
इसमें मध्यप्रदेश के उज्जैन से लेकर उत्तराखंड की चारधाम यात्रा तक शामिल है. इन सभी जगहों पर बीते कुछ सालों में ट्रैवल बढ़ा है. इस वजह से होटल और टूरिज्म सेक्टर में नौकरी बढ़ रही हैं.
पैदा होंगी 2 लाख नौकरियां
स्टाफिंग सर्विस कंपनी टीमलीज सर्विसेस की एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि होटल, रेस्टोरेंट और टूरिज्म सेक्टर में अगले 12 से 18 महीने में 2 लाख से अधिक नौकरियां जेनरेट होंगी. इसमें में भी करीब 1 लाख नौकरी सिर्फ होटल इंडस्ट्री में पैदा होंगी.
इसमें मध्यप्रदेश के उज्जैन से लेकर उत्तराखंड की चारधाम यात्रा तक शामिल है. इन सभी जगहों पर बीते कुछ सालों में ट्रैवल बढ़ा है. इस वजह से होटल और टूरिज्म सेक्टर में नौकरी बढ़ रही हैं.
पैदा होंगी 2 लाख नौकरियां
स्टाफिंग सर्विस कंपनी टीमलीज सर्विसेस की एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि होटल, रेस्टोरेंट और टूरिज्म सेक्टर में अगले 12 से 18 महीने में 2 लाख से अधिक नौकरियां जेनरेट होंगी. इसमें में भी करीब 1 लाख नौकरी सिर्फ होटल इंडस्ट्री में पैदा होंगी.