संसद बजट सत्र 2025: पीएम मोदी के संबोधन में बॉलीवुड से लेकर ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ तक का जिक्र, फिर कांग्रेस पर जुबानी प्रहार

राष्ट्रपति के अभिभाषण का पीएम मोदी ने राज्यसभा में जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कविताओं के माध्यम से भी विपक्ष को आईना दिखाया.

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धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम मोदी का जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी के दौर में लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर जुबानी प्रहार किए.

पीएम मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं का आदर करना चाहिए था, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए थी. लेकिन, कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद ही संविधान निर्माताओं की भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थीं. आजादी के बाद जब देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी और चुनाव तक के लिए स्टॉप-गैप अरेंजमेंट था, तो उस स्टॉप-गैप अरेंजमेंट में जो महाशय बैठे थे, उन्होंने आते ही संविधान में संशोधन कर दिया. चुनी हुई सरकार आने तक का भी इंतजार नहीं किया. उन्होंने ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ को कुचला, अखबारों पर, प्रेस पर लगाम लगा दी और दुनिया में डेमोक्रेट का टैग लगाकर घूमते रहे.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था. नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, पहली सरकार थी और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई. उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता गाई थी, ‘कॉमनवेल्थ का दास है’, इसके जुर्म में नेहरू जी ने देश के महान कवि को जेल भेज दिया. मशहूर एक्टर बलराज साहनी एक जुलूस में शामिल हुए थे, उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. लता मंगेशकर जी के भाई हृदय नाथ मंगेशकर जी ने वीर सावरकर पर एक कविता लिखी थी और उसे आकाशवाणी पर गाना चाहते थे. उन पर आकाशवाणी से आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया.

उन्होंने कहा कि इसके बाद देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है. संविधान को किस प्रकार कुचला गया, संविधान की भावना को सत्ता सुख के लिए किस प्रकार रौंदा गया था, ये देश जानता है. इमरजेंसी में प्रसिद्ध सिनेमा कलाकार देवानंद जी से कहा गया कि वे सार्वजनिक रूप से इमरजेंसी का समर्थन करें. लेकिन, देवानंद जी ने साफ-साफ इमरजेंसी का समर्थन करने से इनकार कर दिया. इसलिए, दूरदर्शन पर देवानंद जी की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया. किशोर कुमार जी ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया. इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर किशोर कुमार के सभी गानों को प्रतिबंधित कर दिया गया.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं इमरजेंसी के उस दौर को कभी नहीं भूल सकता हूं. जो लोग लोकतंत्र और मानव गरिमा की बातें करते हैं और भाषण देने के शौकीन लोग हैं. आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के अनेक महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थीं, जंजीरों से बांधा गया था. संसद के सदस्य, देश के गणमान्य नेताओं को हथकड़ियों और जंजीरों से बांधा गया था. इनके मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता है. सत्ता सुख के लिए शाही परिवार के अहंकार के लिए देश के लाखों परिवार को तबाह कर दिया गया था. देश को जेल खाना बना दिया गया था.

घोर विरोधवाद, घोर निराशावाद से मुक्ति पानी होगी – पीएम मोदी

डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा

एग्रोकेमिकल सेक्टर में बढ़ोतरी हुई

लाइसेंस राज से मुक्ति मिली.

विकसित भारत के संकल्पों से जो दूर रहेगा, देश उसे अछूता कर देगा.

भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने तुष्टीकरण नहीं बल्कि ‘संतुष्टिकरण’ का दृष्टिकोण अपनाया है: राज्यसभा में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ‘तुष्टीकरण’ के लिए नहीं बल्कि ‘संतुष्टितरण’ के लिए काम करती है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में अपने जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के आदर्श पर चलती है. उन्होंने कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि भारत के संसाधनों का इष्टतम उपयोग हो. हमने संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाया है. हमने कोशिश की है और सुनिश्चित किया है कि योजनाएं बिना किसी चोरी के लाभार्थियों तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि पिछले दशक में, हमने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के आदर्श के साथ काम किया है और इसके परिणाम सामने आए हैं.

उन्होंने कहा कि तीन दशकों से दोनों सदनों के सभी दलों के ओबीसी सांसद सरकार से ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे. इसे बार-बार नकार दिया गया. उस समय यह उनकी राजनीति के अनुकूल नहीं था. दशकों के इंतजार के बाद, हमने समुदाय की मांगों का सम्मान करते हुए इस आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया. प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग को कर राहत सहित केंद्रीय बजट में प्रस्तावों के बारे में भी बात की.

फिल्म कलाकारों पर कांग्रेसी सरकारों के अत्याचार को किया याद, जाने किस-किस को किया याद

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर संविधान निर्माताओं से प्रेरणा लेने का भी आग्रह किया है. हम उसी से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ रहे हैं. कुछ लोगों को लगता होगा कि यूसीसी-यूसीसी क्या लाए हैं, जब संविधान सभा की डिबेट पढ़ेंगे तब पता चलेगा कि हम उनकी भावनाओं पर ही चल रहे हैं. संविधान निर्माताओं से प्रेरणा लेना चाहिए था लेकिन ये कांग्रेस है जिसने आजादी के तुरंत बाद ही उनकी भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थीं. जब देश में चुनी गई सरकार नहीं थी, तब जो बैठे थे महाशय, उन्होंने संविधान में संशोधन कर दिया आते ही. चुनी हुई सरकार आने तक का भी इंतजार नहीं किया. किया क्या उन्होंने, फ्रीडम ऑफ स्पीच को कुचला. अखबारों पर लगाम लगाई और डेमोक्रेट का टैग लगाकर घूमते रहे दुनिया में. ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था. नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, पहली सरकार थी और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई. उसमें मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता गाई थी, कॉमनवेल्थ का दास है, इसके जुर्म में नेहरू जी ने उन्हें जेल भेज दिया. बलराज साहनी एक जुलूस में शामिल हुए थे, उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था. लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता आकाशवाणी पर प्रसारित करने की योजना बनाई, उन्हें आकाशवाणी से बाहर कर दिया गया. देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है. देवानंद ने इमरजेंसी को सपोर्ट नहीं किया तो उनकी फिल्में बैन करा दीं.

बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए….

पीएम मोदी ने कवि निरज को याद किया है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए/जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए… अटल जी को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि फिर सूरज निकलेगा, अंधेरा छटेगा और कमल खिलेगा…

‘सबका साथ, सबका विकास’ हमारी सरकार का मूलमंत्र , कांग्रेस के लिए ‘परिवार प्रथम’ : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ उनकी सरकार का मूलमंत्र रहा है जबकि कांग्रेस का मूलमंत्र ‘परिवार प्रथम’ रहा है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार किया था, जिसमें झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार परिवारवाद, तुष्टीकरण आदि का घालमेल था.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मॉडल में ‘परिवार प्रथम’ ही सर्वोपरि है. इसलिए, उनकी नीति-रीति, वाणी-वर्तन उस एक चीज को संभालने में ही खपता रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवंत मीडिया और लोकतंत्र वाले देश ने उन्हें तीसरी बार देश की सेवा का मौका दिया. यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि जनता ने विकास के उनके मॉडल को परखा, समझा और समर्थन दिया है.

उन्होंने कहा कि इस मॉडल को हमें एक शब्द में समझना है तो यह है ‘राष्ट्र प्रथम’. इसी भावना और समर्पित भाव से हमने लगातार अपनी नीतियों में, अपने कार्यक्रमों में, वाणी-वर्तन के माध्यम से देश की सेवा करने का प्रयास किया है.

मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में भारत की उपलब्धियों के बारे में, दुनिया की भारत से अपेक्षाओं के बारे में और भारत के सामान्य जन के आत्मविश्वास, विकसित भारत के संकल्प जैसे सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा की है.

उन्होंने कहा कि देश को आगे की दिशा भी उन्होंने दिखाई है. राष्ट्रपति जी का भाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सब के लिए भविष्य का मार्गदर्शक भी था. राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की किरण चौधरी ने तीन फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया था. भाजपा के ही नीरज शेखर ने इसका समर्थन किया था. सत्तर से अधिक सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया.

हमने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज जातिवाद का जहर फैलाने की लगातार कोशिशें हो रही हैं. तीन दशकों तक दोनों सदनों में ओबीसी सांसद मांग करते रहे कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, लेकिन उनकी मांग को बार-बार खारिज कर दिया गया. शायद यह उस समय की राजनीति के अनुकूल नहीं था, क्योंकि यह तुष्टिकरण और परिवार-प्रथम की राजनीति के एजेंडे के अनुरूप नहीं था. पीएम मोदी ने कहा कि आज कांग्रेस को मजबूरन ‘जय भीम’ बोलना पड़ रहा है और यह कहने पर उनका मुंह सूख जाता है.

जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा, समझा और समर्थन दिया है: पीएम मोदी

राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के मॉडल में परिवार पहले सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा, समझा और समर्थन दिया है. हमारा विकास मॉडल है – ‘राष्ट्र पहले’

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