भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच एहतियातन पाकिस्तान से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल कराई जाएगी. कल शाम यानी 29 मई को मॉक ड्रिल होगी. गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर में मॉक ड्रिल के जरिए नागरिकों को युद्ध की परिस्थितियों से निपटने के लिए अवगत कराया जाएगा. साथ ही लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी जाएगी. प्रशासनिक स्तर पर भी मॉक ड्रिल, ब्लैक आउट, मॉल खाली कराना आदि तैयारियों का जायजा लिया जाएगा.
मॉक ड्रिल एक है प्रैक्टिस है जो वास्तविक समय की आपातस्थिति का अनुकरण करता है. मॉकड्रिल के जरिए लोगों और संगठनों की संभावित कमजोरियों का मूल्यांकन किया जाता है. उनकी कमजोरियों में सुधार करने के लिए कई प्रक्रियाओं को फॉलो किया जाता है, ताकि युद्ध जैसी परिस्थियों में लोग अपनी सुरक्षा का ज्यादा से ज्यादा बचाव और ख्याल खुद ही रख सकें.
ब्लैक आउट में क्या होता है?
युद्ध के समय ब्लैकआउट को दुश्मन के हमलावरों या निगरानी से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और नागरिक क्षेत्रों को छिपाने के लिए लागू किया जाता है. सभी स्ट्रीट लाइट, घरेलू लाइट, गाड़ियों की हेडलाइट और सार्वजनिक लाइटिंग बंद कर दी जाती है या ढक दी जाती है ताकि शहर आसमान से अंधेरा दिखाई दे. लाइट को बाहर निकलने से रोकने के लिए खिड़कियों पर काले कागज, पर्दे या ढाल का उपयोग किया जाता है. इसकी प्रैक्टिस मॉक ड्रिल के समय भी की जाएगी.
मॉक ड्रिल का उद्देश्य व्यक्तियों और संगठनों को वास्तविक आपात स्थितियों के दौरान प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार करना है. यह एक नकली अभ्यास है जो सेफ्टी से जुड़ी स्थिति में नागरिकों की ताकत, कमजोरियों और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है. हाल ही में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए 7 को पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के पहले देश में मॉक ड्रिल का आयोजन किया था.