Hands Off!: ‘अभी तो सिर्फ शुरुआत है…’, न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन से लेकर लंदन-बर्लिन तक, ट्रंप और मस्क के खिलाफ सड़कों पर उतरी जनता

अमेरिका की सड़कों पर शनिवार को एक बड़ा आंदोलन देखने को मिला. देशभर में हजारों लोगों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके करीबी अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. ये विरोध प्रदर्शन सरकार में भारी कटौतियों, पब्लिक सर्विस में कमी और विवादास्पद सामाजिक नीतियों के खिलाफ हो रहा है.

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न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार, ‘हैंड्स ऑफ!’ नामक इस प्रदर्शन के तहत अमेरिका के सभी 50 राज्यों में रैलियां निकाली गईं, जिनमें नागरिक अधिकार संगठनों, मजदूर यूनियनों, LGBTQ+ समूहों, पूर्व सैनिकों और अन्य संगठनों ने भाग लिया. प्रमुख प्रदर्शन स्थलों में वॉशिंगटन डीसी का नेशनल मॉल, विभिन्न राज्यों की राजधानियां और न्यूयॉर्क से लॉस एंजेलिस तक कई शहरों के केंद्र शामिल थे.

मस्क पर सरकारी एजेंसियों में कटौती का आरोप

प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया. वॉशिंगटन में भीड़ को संबोधित करते हुए एक्टिविस्ट ग्रेलन हैग्लर ने कहा, ‘इन्होंने सोते हुए दैत्य को जगा दिया है, और अभी तो शुरुआत है.’

टेस्ला, स्पेसएक्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के सीईओ एलन, जो हाल ही में बने ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE)’ के प्रमुख और ट्रंप के बेहद करीबी हैं, उन पर सरकारी एजेंसियों में बड़े पैमाने पर कटौती को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं. हालांकि मस्क का दावा है कि इससे टैक्सपेयर्स के अरबों डॉलर बच रहे हैं, लेकिन कई अमेरिकी इसे जरूरी सेवाओं को खत्म करने के रूप में देख रहे हैं.

सोशल सिक्योरिटी, छंटनी, फंड में कटौती…

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने सोशल सिक्योरिटी कार्यालयों को बंद करने, सरकारी कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी, और स्वास्थ्य सेवाओं व एचआईवी फंडिंग में कटौती के लिए ट्रंप प्रशासन पर निशाना साधा.

ह्यूमन राइट्स कैंपेन की प्रमुख केली रॉबिन्सन ने LGBTQ+ समुदाय के खिलाफ बनाई जा रही नीतियों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, ‘ये हमारी किताबें बैन कर रहे हैं, एचआईवी रोकथाम फंडिंग में कटौती कर रहे हैं, हमारे डॉक्टरों, शिक्षकों, परिवारों और जीवन को अपराधी बना रहे हैं.’

‘यह आर्थिक पागलपन है…’

न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने ‘हैंड्स ऑफ आवर डेमोक्रेसी’ और ‘डाइवर्सिटी इक्विटी इंक्लूजन मेक्स अमेरिका स्ट्रॉन्ग’ जैसे नारे लगाते हुए मैनहट्टन की सड़कों पर मार्च किया. वहीं, बोस्टन कॉमन में हजारों लोगों ने शिक्षा और सोशल सिक्योरिटी पर सरकार की नीतियों का विरोध किया.

ये प्रदर्शन अमेरिका की सीमाओं से बाहर यूरोप के लंदन और बर्लिन जैसे शहरों तक फैले रहे. लंदन में मौजूद अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिक लिज़ चेम्बरलिन ने कहा, ‘यह आर्थिक पागलपन है… ट्रंप हमें वैश्विक मंदी की ओर धकेल रहे हैं.’

व्हाइट हाउस ने डेमोक्रेट्स पर साधा निशाना

हालांकि व्हाइट हाउस ने इन प्रदर्शनों को खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकियों के लिए सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर और मेडिकेड की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रशासन का आरोप है कि डेमोक्रेट्स इन लाभों को अवैध प्रवासियों को देना चाहते हैं, जिससे ये योजनाएं दिवालिया हो जाएंगी और बुजुर्गों पर भार पड़ेगा.

ओहायो के कोलंबस में प्रदर्शन में शामिल 66 वर्षीय रोजर ब्रूम, जो पहले रोनाल्ड रीगन के समर्थक रहे हैं, ने कहा, ‘वो इस देश को बर्बाद कर रहे हैं. यह सिर्फ शिकायतों का प्रशासन बनकर रह गया है.’

अभी तो सिर्फ शुरुआत है!

ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद से अक्सर विरोध-प्रदर्शन होते रहे हैं लेकिन ‘हैंड्स ऑफ!’ प्रोटेस्ट महिला मार्च 2017 और ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन 2020 के बाद सबसे बड़ा जनांदोलन माना जा रहा है. लेकिन कई प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि शनिवार की ये लहर सिर्फ शुरुआत है.

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