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बाजार से लेकर इकोनॉमी में खुशियों की बौछार, अक्टूबर शुरू होते ही देश को मिले ये 6 तोहफे

अक्टूबर शुरू हो गया है. महीने शुरू होते ही शेयर बाजार से लेकर इकोनॉमी तक में खुशियों की बौछार देखने को मिली है. जहां जीएसटी कलेक्शन में इजाफा देखने को मिला है. वहीं शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली. केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा हुआ है. इसके लिए ऑटो सेल्स में भी इजाफा हुआ है. आरबीआई पॉलिसी में बड़े ऐलान देखने को मिले हैं, जिससे देश की इकोनॉमी को बूस्ट मिल सकता है. साथ देश के इंफ्रा सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकता है. इसके अलावा रुपए के इंटरनेशनलाइजेशन के ऐलान से रुपए में डॉलर के मुकाबले में सुधार देखने को मिला है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बाजार से लेकर इकोनॉमी तक में देश को कौन कौन से तोहफे मिले हैं.

शेयर बाजार में तेजी

एक अक्टूबर को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसक्स 8 कारोबारी दिनों की गिरावट के बाद 715.69 अंकों की तेजी के साथ 80,983.31 अंकों पर बंद हुआ था. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 225.20 अंकों की तेजी के साथ 24,836.30 अंकों की तेजी देखने को मिली थी. इस तेजी की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को 3,89,846.24 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. इससे पहले लगातार 8 दिनों तक शेयर बाजार 3 फीसदी से ज्यादा टूट गया था

रुपए में आई तेजी

बुधवार को इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया अपने लाइफ टाइम लोअर लेवल से नौ पैसे सुधरकर 88.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. केंद्रीय बैंक के मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा में निर्यातकों को समर्थन देने और घरेलू मुद्रा में स्थिरता लाने के लिए कई उपायों की घोषणा के बाद रुपये में तेजी आई. करेंसी मार्केट में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.79 पर खुला. इसने कारोबार के दौरान 88.65 के उच्च स्तर को छुआ और अंत में 88.71 पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से नौ पैसे अधिक है. मंगलवार को, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे टूटकर 88.80 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था.

जीएसटी कलेक्शन में इजाफा

जीएसटी कलेक्शन सितंबर में 9 फीसदी बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपए रहा. दरों को युक्तिसंगत बनाने के कारण बिक्री में वृद्धि से जीएसटी संग्रह बढ़ा है. जीएसटी कलेक्शन में सालाना आधार पर 9.1 प्रतिशत और मासिक आधार पर 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन सितंबर 2024 में 1.73 लाख करोड़ रुपये और अगस्त 2025 में 1.86 लाख करोड़ रुपये था. जीएसटी दरों में बदलाव 22 सितंबर से लागू हुआ.

इसका असर जीएसटी आंकड़ों में दिखा है. जीएसटी 2.0 सुधार लागू होने के बाद 22 सितंबर से रसोई के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक, दवाओं और उपकरणों से लेकर मोटर वाहन तक 375 चीजों की कीमतें कम हुई हैं. आंकड़ो के अनुसार, सितंबर 2025 में सकल घरेलू राजस्व 6.8 प्रतिशत बढ़कर 1.36 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि आयात कर 15.6 प्रतिशत बढ़कर 52,492 करोड़ रुपये रहा. जीएसटी रिफंड भी सालाना आधार पर 40.1 प्रतिशत बढ़कर 28,657 करोड़ रुपये हो गया. शुद्ध जीएसटी संग्रह सितंबर 2025 में 1.60 लाख करोड़ रुपये रहा जो सालाना आधार पर पांच प्रतिशत अधिक है.

ऑटो सेल्स में इजाफा

जीएसटी दरों में कटौती के कारण वाहनों की कीमतें घटने से नवरात्रि के दौरान मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जिससे प्रमुख वाहन कंपनियों मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सितंबर में मजबूत बिक्री दर्ज की. सितंबर माह में वाहनों की थोक बिक्री के मामले में टाटा मोटर्स ने दूसरा और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने तीसरा स्थान हासिल किया जबकि हुंदै मोटर इंडिया चौथे स्थान पर रही.

मारुति सुजुकी इंडिया की खुदरा बिक्री पिछले महीने 1.73 लाख इकाई रही, जो सितंबर 2024 की तुलना में 27.5 प्रतिशत अधिक है. टाटा मोटर्स ने कहा कि उसके यात्री वाहनों की थोक बिक्री 45 प्रतिशत बढ़कर 59,667 इकाई हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 41,063 इकाई थी.

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि पिछले महीने घरेलू बाजार में 56,233 उपयोगी वाहन डीलरों को भेजे गए, जो पिछले साल की समान अवधि में बिके 51,062 वाहनों की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है.हुंदै मोटर इंडिया ने कहा कि डीलरों को घरेलू स्तर पर भेजे गए वाहनों की संख्या पिछले महीने मामूली वृद्धि के साथ 51,547 इकाई हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी माह में यह 51,101 इकाई थी.

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने पिछले महीने घरेलू बाजार में 27,089 वाहनों की बिक्री की. किआ इंडिया की बिक्री तीन प्रतिशत घटकर 22,700 इकाई रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में 23,523 इकाई थी. निसान मोटर इंडिया ने कहा कि सितंबर में उसकी कुल बिक्री सालाना आधार पर नौ प्रतिशत बढ़कर 10,500 इकाई हो गई.

आरबीआई पॉलिसी मीटिंग में कई ऐलान

बुधवार को मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में भारतीय रिजर्व बैंक भले ही पॉलिसी रेट में कोई बदलाव ना किया हो, लेकिन अगली बार रेट कट संकेत जरूर दिए हैं. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि अगस्त की पॉलिसी के बाद से ग्रोथ और महंगाई की गतिशीलता में बदलाव देखने को मिला है और जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से कीमतों पर दबाव कम होने की उम्मीद है. खाद्य कीमतों में भारी गिरावट से ओवरऑल महंगाई का अनुमान अधिक अनुकूल हो गया है. परिणामस्वरूप, केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने औसत महंगाई अनुमान को पहले के 3.1 फीसदी से घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया है, साथ ही चौथी तिमाही के अनुमान में भी कटौती की है.

वहीं दूसरी ओर लोन फ्लो में सुधार के लिए, आरबीआई ने शेयरों के बदले लोन लेने की सीमा मौजूदा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी है. आरबीआई ने कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक ब्याज दरों में 100 आधार अंकों की कटौती के बाद इकोनॉमी में लोन फ्लो में सुधार के लिए 5 ऐलान किए हैं. आईपीओ फाइनेंसिंग लिमिट को बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया है. इसे बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है.

महंगाई भत्ते में इजाफा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाली का तोहफा देते हुए बुधवार को लगभग 49.19 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 68.72 लाख पेंशनर्स के महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में तीन प्रतिशत की वृद्धि की। डीए और डीआर अभी तक मूल वेतन/पेंशन का 55 फीसदी था और इसमें तीन फीसदी की वृद्धि एक जुलाई, 2025 से प्रभावी है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि डीए और डीआर में वृद्धि के कारण राजकोष पर कुल मिलाकर 10,083.96 करोड़ रुपए का सालाना प्रभाव पड़ेगा. यह वृद्धि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है. डीए और डीआर में यह बढ़ोतरी जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के कुछ दिनों बाद हुई है.

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