चीन के तियानजिन में 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन में हो रहा है. इस दौरान सभी नेताओं की एकसाथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरा और संरक्षणवादी, एकतरफा और वर्चस्ववादी रवैये के खिलाफ अमेरिका को खरी-खरी सुनाई हैं. वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण की लगातार अपील की है.
पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरु करते हुए कहा कि प्रगति और संपर्क के प्रतीक शहर तियानजिन में इस प्रतिष्ठित सभा को संबोधित करना सम्मान की बात है. भारत के 1.4 अरब लोगों की ओर से मैं सभी नेताओं और प्रतिनिधियों को हार्दिक बधाई देता हूं. मैं इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी और हमें प्रदान किए गए भव्य आतिथ्य के लिए राष्ट्रपति शी को धन्यवाद देता हूं. छह सदस्यों के साथ अपनी स्थापना से एससीओ का विस्तार दस पूर्ण सदस्यों तक हो गया है, जो दुनिया की लगभग आधी आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं. भारत क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने में इस संगठन की भूमिका के लिए प्रतिबद्ध है.
SCO को लेकर भारत की क्या है सोच?
उन्होंने कहा कि पिछले 24 सालों में SCO ने एशिया क्षेत्र में सहयोग और आपसी जुड़ाव को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारत ने एक सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई है. SCO को लेकर भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है, जिसमें सिक्योरिटी, कनेक्टिविटी और अपॉर्चुनिटी शामिल हैं.
पीएम मोदी ने पहलगाम हमले का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं. आतंकवाद पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है. कोई देश, कोई समाज अपने आप को इससे सुरक्षित नहीं समझ सकता, इसलिए आतंकवाद से लड़ाई में भारत ने एकजुटता पर बल दिया है. इसमें SCO ने भी बड़ी भूमिका निभाई है. इस वर्ष भारत ने जॉइंट इंफोर्मेशन ऑपरेशंस को लीड करते हुए आतंकी संगठनों से लड़ने की पहल की है. टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ आवाज उठाई है. इस पर मेरे समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं.
उन्होंने कहा कि भारत पिछले 4 दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. कितने ही बच्चे खोए और कितने ही बच्चे अनाथ हो गए. अभी हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है. इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. यह (पहलगाम) हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति को खुली चुनौती था. ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है. हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा.
पीएम मोदी ने किया RATS का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद के वित्तपोषण और कट्टरपंथ से निपटने के लिए कट्टरपंथ-विरोधी कार्यक्रमों के अपने अनुभवों का उपयोग करते हुए एक एससीओ-व्यापी ढाँचा स्थापित करने का प्रस्ताव रखता है. हमें साइबर आतंकवाद और मानवरहित खतरों जैसे उभरते खतरों से भी निपटना होगा. भारत अगली भारत क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS) बैठक की मेजबानी करने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)-संचालित सुरक्षा समाधानों में विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए तैयार है. पीएम ने अमेरिका का भी नाम लिए बिना संरक्षणवादी, एकतरफा और वर्चस्ववादी रवैये के खिलाफ हल्ला बोला है और उसकी नीतियों पर निशाना साधा है.