तेलंगाना के खम्माम जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. दरअसल, कामेपल्ली मंडल के ऊटकुर गांव के अफसर और रिजवाना दंपति की 19 महीने की बेटी ने खेलते समय एक बड़ा बलूत का फल मुंह में रख लिया. फल का आकार बड़ा होने के कारण बच्ची के गले में फंस गया, जिसके चलते सांस लेने में परेशान बच्ची को तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां पर पूरी सुविधा न होने के कारण डॉक्टर ने प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, माता-पिता बच्ची को शहर के डॉ. सुनील कुमार जंगला के पास ले आए. डॉ. सुनील कुमार जंगला ने बिना किसी सर्जरी के एंडोस्कोपी के माध्यम से बच्चे के गले से बलूत का फल निकालकर बच्ची की जान बचाई. बच्ची के माता-पिता ने डॉक्टर का धन्यवाद किया. बच्ची की जान बचने के बाद दंपति बहुत खुश नजर आए.
बच्चों को लेकर माता-पिता रहें सतर्क
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि छोटे बच्चों को खेलते समय उन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. प्लास्टिक की सीटी, छोटे सिक्के, बटन जैसी चीजें उनके गले में फंस सकती हैं, जिससे जानलेवा स्थिति बन सकती है. यदि ऐसी स्थिति बने तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. वरना यह बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है.
डॉ. सुनील कुमार जंगला कई बच्चों की बचा चुके जान
डॉ. सुनील कुमार जंगला का नाम खम्माम जिले के अच्छे डॉक्टर्स में शामिल है. इनका अस्पताल बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए जाना जाता है. बीते तीन वर्षों में उन्होंने बहुत सारे बच्चों के गले में फंसे सिक्के, सीटी और अन्य चीजों को निकालकर उनकी जान बचाई है. इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं.