प्रतापगढ़ : राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय पटल पर लगातार विफलताओं से हताशा के दौर से गुजर रही है.उन्होने कहा कि मुददों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा नेताओं का बयान लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक मूल्यों पर भी हमलावर हो उठे हैं.राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने युवाआंे तथा छात्रों के साथ देश के लोगों से वोट के अधिकार की रक्षा में संघर्ष का आहवान किया है.
उन्होने कहा कि भाजपा के पूर्व संासद सुब्रत पाठक ने राजनैतिक कुण्ठा से ग्रसित होकर जेन जेड की आड़ में देश के युवाओं व छात्रों को संविधान की रक्षा में संघर्ष करने पर दौड़ा दौड़ा कर पीटे जाने की बात कहकर लोकतंत्र में मौलिक अधिकारों पर गहरी चोट पहुंचायी है.उन्होने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के घर क्रांति के नाम पर फूंके जाने की धमकी देकर बीजेपी के पूर्व सांसद ने गंभीर चिंताजनक स्थिति उत्पन्न की है। उन्होने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में कन्नौज संसदीय क्षेत्र में सपा प्रत्याशी के समर्थन में एलओपी राहुल गांधी व पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चुनावी दौरे के चलते भाजपा को मिली शिकस्त से पूर्व सांसद सुब्रत की राजनैतिक कुंठा जगजाहिर है.
उन्होनें कहा कि सियासी खीझ में बीजेपी के जिम्मेदार पदाधिकारी सुब्रत पाठक का बयान राजनैतिक प्रतिशोध के क्षेत्र में हताशा की पराकाष्ठा है.उन्होने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार में नैतिकता हो तो देश में आपसी फूट के जरिए गृह युद्ध में धकेलने की आशंका को लेकर बीजेपी नेता सुब्रत के खिलाफ फौरन एफआईआर दर्ज कराये.
वहीं उन्होनें बिहार के दौरे पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राहुल गांधी की वोट चोरी की रक्षा में निकाली गयी यात्रा को लेकर दिये गये बयान की भी तीखी आलोचना की है.राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि झारखण्ड, पश्चिम बंगाल या फिर बिहार में चुनाव हों तो गृहमंत्री और भाजपा को घुसपैठिये याद आ जाते हैं.
उन्होने कहा कि चुनाव के बाद घुसपैठिये के सवाल पर भाजपा आखिर क्यों चुप्पी ओढ़ लिया करती है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह केंद्र के जिम्मे है.उन्होने यह सवाल दागा कि ऐसे में ग्यारह वर्षो के मोदी के कार्यकाल में सीमा पार कर घुसपैठिये कैसे आ गये.वहीं उन्होने गृहमंत्री अमित शाह पर भी तंज कसते हुए उनके घुसपैठिए को लेकर दिये गये बयान को बेतुका करार दिया.
उन्होने गृहमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आखिर छः वर्षो से खुद शाह गृहमंत्री हैं.उन्होने कहा कि अब देश के गृहमंत्री को जनता को यह बताना चाहिए कि सीमा पार से हो रही घुसपैठ के मुददे पर उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी क्या है। उन्होने कहा कि राहुल गांधी ने तथ्यों के साथ लोगों के वोट घटाने व बढ़ाने पर चुनाव आयोग को पर्दाफाश किया है। उन्होने आश्चर्य जताया कि संवैधानिक संस्था निर्वाचन आयोग स्वयं में एक स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था का दर्जा रखती है.उन्होने कहा कि देश के लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि इससे इतर आखिर भाजपा राहुल गांधी के आरोपों से खुद क्यों घबरायी हुई है.
उन्होने कहा कि आयोग की जगह भाजपा का वोट चोरी के मुददे पर बचाव को लेकर रक्षात्मक रूख खुद आयोग और भाजपा के अंदरखाने को कटघरे में खड़ा करती है.उन्होनें कहा कि वोटों की हेराफेरी में इससे आयोग के साथ भाजपा की भी मिलीभगत की असलियत देश के सामने बयां हो गयी है.उन्होने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ वार के बाद फिर पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों के साथ देश की छवि धूमिल करने पर अमादा दिखे हैं.उन्होने कहा कि टंªप ने अवैध मादक पदार्थो के उत्पादन व तस्करी को लेकर भारत पर भी दुस्साहसिक आक्षेप लगाते हुए देश की प्रतिष्ठा पर असहनीय हमला किया है.
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यह भी सवाल उठाया है कि ट्रंप के बार बार देश के मान सम्मान पर आघात पहुंचाने वाले बयानों पर आखिर पीएम मोदी की खामोशी का क्या राज है? राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि मंहगाई तथा संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा बचाने व मणिपुर में अभी भी हिंसा का दौर न थमने आदि के राष्ट्रीय मसलों पर भी विफल मोदी सरकार जनता का ध्यान भटकाने के लिए उत्तेजक और अराजनैतिक बयानबाजी का दुर्भाग्यपूर्ण सहारा ले रही है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का यह बयान शुक्रवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है.