नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने वाले फरार आर्म्स डीलर को 15 साल की सश्रम कारावास की सजा 

रांची की एक विशेष अदालत ने झारखंड में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के सदस्यों को हथियार सप्लाई करने वाले आर्म्स डीलर को 15 साल कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई है. एनआईए की विशेष अदालत ने बिहार के औरंगाबाद के मंटू शर्मा नामक व्यक्ति के खिलाफ यह आदेश पारित किया, जिसमें वो विभिन्न आरोपों में दोषी पाया गया था.

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एनआईए की जांच के अनुसार, मंटू शर्मा सीपीआई (माओवादी) के सदस्यों को अवैध हथियार और गोला-बारूद बेचने में शामिल था. फिलहाल वो फरार है. एनआईए उसे पकड़ने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए है. झारखंड पुलिस द्वारा अगस्त 2012 में राज्य के सिलोदर वन क्षेत्र में छापेमारी के दौरान सीपीआई (माओवादी) मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था.

इसके चार महीने बाद एनआईए ने जांच का जिम्मा संभाला. पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन सीपीआई (माओवादी) की हथियार और गोला-बारूद आपूर्ति इकाई के सदस्य प्रफुल्ल कुमार मालाकार को गिरफ्तार किया था. उसके पास से यूएसए निर्मित एम-16 राइफल, 14 जिंदा कारतूस, दो सेलफोन और एक बुलेट प्रूफ जैकेट जब्त की गई थी.

आतंकी प्रफुल्ल मालाकार से पूछताछ में समूह की पहुंच का पता चला. एक अन्य आरोपी अनिल कुमार यादव की गिरफ्तारी के दौरान उसके पास एक 9 एमएम पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस, 9 लाख रुपए नकद और दो सेलफोन पाए गए थे. एनआईए ने बताया कि आर्म्स डीलर मंटू यादव अनिल यादव और प्रफुल्ल मालाकार के करीबी संपर्क में था.

सीपीआई (माओवादी) का जोनल कमांडर अनिल यादव और प्रफुल्ल मालाकार से हथियार खरीदने जा रहा था. उसी समय उसे पकड़ लिया गया गया. एनआईए ने साल 2014 से 2017 के बीच मालाकार, यादव और शर्मा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. दिसंबर 2024 में एनआईए की विशेष अदालत ने मालाकार और यादव को दोषी ठहराया.

उन दोनों को 15 साल की सजा सुनाई गई. विशेष अदालत ने सोमवार (10 मार्च) को मंटू शर्मा के खिलाफ सश्रम कारावास और जुर्माने की कई सजाएं सुनाईं. वो फरार है. उसे आईपीसी की धारा 121ए, 120बी, 414, आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-एए)/35 और 26(2), यूए(पी) एक्ट की धारा 18 और 20 तथा सीएलए एक्ट की धारा 17 के तहत सजा सुनाई गई है.

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