प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल स्पेस डे के मौके पर देशवासियों और वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह दिन युवाओं में उत्साह और आकर्षण का अवसर बन चुका है. उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि आज स्पेस सेक्टर में एक के बाद एक नए मील का पत्थर हासिल करना हमारी पहचान बन गया है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत जल्द ही गगनयान की उड़ान भरेगा और आने वाले समय में अपना स्पेस स्टेशन भी स्थापित करेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में भारत ने इंटरनेशनल ओलंपियान ऑन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स की मेज़बानी की, जिसमें 60 से ज्यादा देशों के 300 युवा शामिल हुए और भारतीय युवाओं ने मेडल भी जीते. उन्होंने इसे भारत की उभरती नेतृत्व क्षमता का प्रतीक बताया. उन्होंने यह भी कहा कि ISRO ने Indian Space Hackathon और Robotics Challenge जैसी पहल शुरू की हैं, जो युवाओं में स्पेस को लेकर रुचि बढ़ा रही हैं.
PM मोदी ने बताया कि भारत सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन जैसी नई टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही भारत गगनयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करेगा और आने वाले समय में अपना स्पेस स्टेशन भी स्थापित करेगा.
पीएम मोदी ने बताया स्पेस टेक कैसे आसान बना रहा आम लोगों की जिंदगी
पीएम मोदी ने कहा कि आज स्पेस-टेक सिर्फ रिसर्च तक सीमित नहीं है बल्कि गनवर्नेंस का भी हिस्सा बन चुकी है. फसल बीमा योजना में सेटेलाइट-बेस्ड आकलन, मछुआरों के लिए सेटेलाइट से जानकारी और सुरक्षा, डिजास्टर मैनेजमेंट और पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान में जियोस्पेशियल डेटा का इस्तेमाल – ये सभी सामान्य नागरिकों का जीवन आसान बना रहे हैं.
इसरो के चेयरमैन ने भी जाहिर किया भारत का विजन
इस मौके पर ISRO चेयरमैन वी नारायणन ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के मुताबिक आने वाले समय में भारत चंद्रयान-4 मिशन, वेनस ऑर्बाइटर मिशन, और बीआईएस नामक स्पेस स्टेशन की दिशा में काम करेगा. बीआईएस स्पेस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च होगा और 2035 तक यह पूरी तरह कार्यशील हो जाएगा.
इसरो चेयरमैन ने बताया कि प्रधानमंत्री ने NGL (Next Generation Launcher) को भी मंजूरी दी है. 2040 तक भारत न केवल चंद्रमा पर लैंड करेगा बल्कि वहां से सुरक्षित वापसी भी करेगा. नारायणन ने कहा कि तब तक भारतीय स्पेस प्रोग्राम किसी भी अन्य देश के स्पेस प्रोग्राम के बराबर होगा.
ISRO प्रमुख ने गगनयात्री प्रोग्राम का भी ज़िक्र किया और कहा कि एक भारतीय को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) भेजना एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने बताया कि यह प्रधानमंत्री की सोच थी कि अपने रॉकेट से पहले एक भारतीय को ISS भेजा जाए. इसी सोच के तहत शुभांशु शुक्ला को ISS भेजा गया और वे सुरक्षित लौट आए. उन्होंने कहा कि गगनयान दल के चारों सदस्य हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.