उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित विश्व प्रसिद्ध ताजमहल में दो दिन के अंदर गंगाजल चढ़ाने का दूसरा मामला सामने आया है. इस बार एक महिला गंगाजल चढ़ाने के लिए ताजमहल के अंदर पहुंची और मुख्य गुंबद के ऊपर गंगाजल चढ़ाया है. महिला ने इसके बाद भगवा कपड़ा भी लहराया. महिला ने दावा किया कि वह कांवड़ लेकर आई थी और उसी जल को बिस्लरी की बोतल में लेकर गुंबद पर अर्पण किया है.
जानकारी के मुताबिक महिला की पहचान अखिल भारतीय हिंदू महासभा प्रदेश मीना राठौर के रूप में हुई है. मीना राठौर ने दावा किया है कि वह कासगंज के सोरों से कांवड़ लेकर आई है और उसी गंगाजल को उन्होंने ताजमहल में अर्पण किया है. महिला ने ताजमहल के अंदर भगवा चुनरी भी लहराई है. महिला ने जैसे ही भगवा रंग का कपड़ा ताजमहल पर लहराया तो उसे तुरंत सीआईएसएफ ने पकड़ लिया. फिलहाल महिला से पूछताछ की जा रही है.
आगरा: ताजमहल के अंदर एक महिला ने लहराया भगवा झंडा साथ ही बिसलेरी की बोतल में पानी भरकर अंदर चढ़ाया।
अखिल भारत हिंदू महासभा ने पानी को बताया गंगाजल।
मामले की जानकारी होते ही CISF ने महिला को पकड़ा।
दो दिन पहले मथुरा के दो युवकों ने चढ़ाया था ताजमहल के अंदर गंगाजल, वहीं आज मीरा… pic.twitter.com/2rhsVFOfbr
— UP Tak (@UPTakOfficial) August 5, 2024
क्या बोले ताज महल के अधिकारी
ताज महल प्रभारी पुरातत्व विभाग के प्रिंस बाजपेयी ने बताया की लगभग दोपहर 12 बजे ताज महल में एक महिला कपड़ों में छुपा कर कोई कपड़ा ले गई और उसने उस भगवा रंग के कपड़े को ताज महल के मुख्य गुंबद पर लहरा दिया. इसके बाद वहां पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने पकड़ लिया और अभी तक रोका हुआ है. जांच के बाद आरोपी महिला मीरा राठौर को पुलिस के सुपुर्द किया जायेगा.
3 अगस्त को पहुंचे थे दो युवक
दो दिन पहले भी दो युवकों ने ताजमहल के अंदर ओम का स्टीकर चिपकाया था और उस पर पानी की बोतल से जल चढ़ाया था. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं थीं. युवकों ने दावा किया था कि वह बोतल में गंगाजल लेकर आए थे. इन दोनों शख्स की पहचान भी अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ता श्याम और विनेश के रूप में हुई थी.
हो सकती है कड़ी सजा
पुलिस ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यकर्ता श्याम और विनेश के खिलाफ आईपीसी की धारा 295, और 295-ए के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह दोनों धाराएं किसी व्यक्ति के धर्म के अपमान करने पवित्र स्थान को प्रभावित करने जैसे गंभीर आपराधों में लगाई जाती है. इस तरह के मामलों में अधिकतम 3 साल की सजा तक सुनाई जा सकती है और जुर्माने का भी प्रावधान है.