मिर्ज़ापुर : उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले की सरहदी सीमाएं अवैध मादक पदार्थों के ख़रीद फरोख्त में लगे तस्करों के लिए मुफीद साबित होती आ रही हैं. जो रुकने के बजाए बढ़ती ही जा रही हैं. रविवार को मिर्ज़ापुर पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 55 लाख का अवैध गांजा सहित दो को पकड़ने का दावा किया है.
पुलिस के मुताबिक जिले की अदलहाट थाना पुलिस टीम द्वारा ₹ 55 लाख के अवैध गांजा व तस्करी में प्रयुक्त वाहन टाटा मैजिक के साथ 2 अंतर्राज्यीय गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस लाइन स्थित सभागार में मीडिया को जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल ओपी सिंह ने बताया कि दरअसल.
जिले में पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन द्वारा महाकुंभ प्रयागराज 2025 को सकुशल सम्पन्न कराने तथा जनपद में शांति एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए अपराधों के रोकथाम एवं अपराधियों की धरपकड़, अवैध शराब एवं मादक पदार्थों की निर्माण, तस्करी व बिक्री पर अंकुश लगाते हुए संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी, बरामदगी एवं प्रभावी कार्यवाही करने के लिए जनपद के समस्त प्रभारी निरीक्षक, थानाध्यक्षगण को निर्देश दिये गये हैं.
उक्त निर्देश के अनुक्रम में मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के विरूद्ध लगातार अभियान चलाकर की जा रही कार्यवाही में अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन व क्षेत्राधिकारी चुनार के नेतृत्व में थाना अदलहाट पुलिस टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है.
रविवार, 05 जनवरी 2025 को मुखबीर के सूचना के आधार थाना अदलहाट पुलिस टीम द्वारा सघन वाहन चेकिंग कर टाटा मैजिक में सवार 02 व्यक्तियों को पकड़ा गया. पकड़े गये लोगों ने पूछताछ में अपना नाम क्रमशः सोनू कुमार यादव पुत्र धर्मपाल यादव निवासी शान्तिनगर मौलाबाद थाना टाउन जनपद भोजपुर (बिहार) व मनीष प्रजापति पुत्र श्यामराज प्रजापति निवासी निरीया पोस्ट धरवार थाना करछना जनपद (प्रयागराज) बताया गया.
जब पुलिस टीम द्वारा टाटा मैजिक की तलाशी ली गयी तो मैजिक में छिपाकर रखा हुआ कुल 115 किलो 250 ग्राम अवैध गांजा बरामद हुआ है. जिनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला पंजीकृत कर गिरफ्तार गांजा तस्करों के विरूद्धश अग्रिम विधिक कार्यवाही करते हुए जेल भेजा गया है तथा गांजा तस्करी में प्रयुक्त टाटा मैजिक वाहन संख्याः JH 05 CQ 6566 को अन्तर्गत धारा 207 एमवी एक्ट में सीज किया गया है.
पूछताछ में बताई यह बात
पकड़े गये गांजा तस्करों द्वारा पूछताछ में बताया गया कि वे उड़ीसा से टाटा मैजिक में पीछे कैबिन बनाकर उसी में छिपाकर गांजा लादकर औरंगाबाद बिहार ले जा रहे थे. जहां से मांग के अनुसार सप्लाई करते हैं. जिससे प्राप्त पैसे को आपस में बांटकर भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ लेते है.